67 साल पुरानी इस दुकान से कई IAS और नेताओं का नाता, पढ़िए पूर्व सीएम अजीत जोगी का एक किस्सा

रितिका तिवारी/ भोपाल. भोपाल एक पुराना शहर है. यहां का इतिहास काफी रोचक है. ऐसी ही एक ऐतिहासिक किताबों की दुकान है भोपाल में जो की भोपाल की सबसे पहली किताबों की दुकान है. जिसका नाम ल्याल बुक डिपो है. इस बुक डिपो की शुरुआत 1956 में हुआ था. बुक डिपो के मैनेजर राजीव जैन जी ने बताया कि ये भोपाल की सबसे पुरानी और ऐतिहासिक किताबों की दुकान है. कई बड़े बड़े नेताओं ने इस डिपो से पढ़ाई की है. ये भोपाल का सबसे पहली ऐसी दुकान थी, जहां पर अंग्रेजी की किताबें भी हुआ करती थीं.

यह दुकान राजनीतिक किताबों के लिए बहुत ही मशहूर रही है. यहां से कई बड़े बड़े नेता और दिगाजों ने किताबे पढ़ी हैं. ये भोपाल के सुल्तानिया रोड पर स्थित है. लियाल बुक डिपो की भोपाल में अपनी एक अलग पहचान है. यहां की किताबों से पढ़े हुए लोग आज देश के अलग अलग हिस्सों में देश का नाम रौशन कर रहे हैं. ये बुक डिपो 68 साल पुरानी है.

मुख्य मंत्री बनाने में लायल बुक डिपो का रहा सबसे बड़ा हाथ
छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्य मंत्री अजीत जोगी जी लायल बुक डिपो के बहुत शुक्र गुजार रहे हैं. उन्होंने लायल बुक डिपो के मैनेजर राजीव जी से कहा था कि उनको मुख्यमंत्री बनाए में लायल बुक डिपो का सबसे बड़ा हाथ रहा है. इस दुकान को आप कभी बंद मत होने दीजियेगा. ये डिपो भोपाल की एक ऐतिहासिक चीज है. जिसका निर्माण भोपाल के राजधानी बनने के समय हुआ था. उस समय भोपाल में मात्र 3 मुख्य चीजों का निर्माण हुआ था. जिसमे एक था बीएचईएल, दूसरा था गांधी मेडिकल कॉलेज और तीसरा लायल बुक डिपो. इस किताबों की दुनिया ने कई दिग्गज लोगों की दुनिया बदल दी है.

इंजीनियरिंग और मेडिकल की सारी किताबें है मौजूद
इस ऐतिहासिक बुक डिपो में हर प्रकार की किताबें मौजूद है. पुराने से ले कर नई, हर प्रकार की किताबें यहां मिल जाती हैं. साथ ही यहां पर किताबें प्रकाशित भी होती हैं. यहां पर फिक्शन, नॉन फिक्शन, इंग्लिश, आयुर्वेदिक, मेडिकल, इंजीनियरिंग, और पॉलिटिकल, हर प्रकार की किताब मिल जाती है. यहां तक की जिन किताबों का प्रकाशन होना बंद हो चुका है, वैसी किताबें भी यहां मिलती हैं.

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