अनुज गौतम/सागर: आने वाले 7 सितंबर को, भद्र महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को, कृष्ण जन्माष्टमी का धूमधाम से स्वागत किया जाएगा. इस खास मौके के लिए कुछ मंदिरों में तैयारियां तेजी से जारी हैं, जबकि दूसरी जगहों पर तैयारी की शुरुआत की जा रही है. इस महत्वपूर्ण अवसर के मौके पर प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में महा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है, और भक्त भगवान कृष्ण के दर्शन के लिए मंदिर के परिसर में जुट रहे हैं.
पांच दिवसीय महामहोत्सव का शुभारंभ
सागर के बड़े बाजार इलाके में करीब 300 साल पुराने श्री देव बाकी राघव मंदिर में बधाई उत्सव के साथ-साथ इस महामहोत्सव की शुरुआत हो गई है. कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के पहले दिन, श्रीकृष्ण भजनों पर राधा कृष्ण के रूप में बधाई नृत्य किया गया. स्थानीय कलाकारों ने राधा कृष्ण के भजनों की शानदार प्रस्तुति दी, और राधा और कृष्ण की वेशभूषा वाले कलाकारों ने भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. इसके परिणामस्वरूप, श्रद्धालुओं ने आस्था और भक्ति के साथ संपूर्ण लिपटने वाले भावनाओं का सामर्थ्य किया. रात के 1:30 बजे तक, सैकड़ों श्रद्धालु आए और मंदिर में भक्ति भाव से तल्लीन रहे.
रोजाना अलग अलग तरह के कार्यक्रम होंगे
पांच दिनों तक, विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. किसी दिन फूल बंगला बनेगा, जबकि किसी दिन भजन संध्या आयोजित की जाएगी. कुछ दिनों में, मंदिर को आकर्षक लाइट्स से सजाया जाएगा, और कृष्ण जी के जीवन के बारे में प्रवचन भी दिया जाएगा. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन, सायं 5 बजे से कार्यक्रम शुरू होगा, और रात में अभिषेक किया जाएगा. इसके बाद, रात के 12 बजे कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी, और फिर अगले दिन नंदोत्सव आयोजित किया जाएगा.
वृंदावन से आ रही भगवान की रत्न जड़ित पोशाक
मंदिर के पुजारी, निताई दास जी महाराज, इसे सागर का सबसे प्राचीन मंदिर मानते हैं. कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर, वहीं से जड़ी पोशाक वृंदावन से मंगवाई जाती है, जिसके लिए 15 दिन पहले ही आदेश दिया जाता है. इस मंदिर की विशेषता यह है कि इसमें लकड़ी का उपयोग किया गया है और इस लकड़ी पर बहुत अद्वितीय नक्काशी की गई है. यही नक्काशी को देखकर सागर में पत्थरों पर नक्काशी की शुरुआत हुई और फिर उनके मंदिरों में इस्तेमाल किया गया.
.
Tags: Latest hindi news, Local18, Madhyapradesh news, Sagar news
FIRST PUBLISHED : September 04, 2023, 22:54 IST