300 साल पुराने इस मंदिर में है ‘उल्टा स्वास्तिक’ बनाने की मान्यता

दीपक पाण्डेय/खरगोन. मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न स्थानों पर स्थित मंदिरों की अलग-अलग मान्यताएं हैं. आमतौर पर किसी भी मंदिर या घरों में पूजा के समय सीधा और सही स्वास्तिक बनाना शुभ माना जाता है. हालांकि, इस मंदिर में स्वास्तिक को उलटा बनाने की अनोखी प्रथा है, और इसी कारण यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है.

चिंतामण गणेश मंदिर, जो महेश्वर के खरगोन जिले में स्थित है, एक प्रमुख तीर्थ स्थल है जहां भगवान गणेश को उनकी दोनों पत्नियों, रिद्धी और सिद्धि के साथ दर्शन किए जाते है. यह मंदिर अहिल्या फोर्ट के कमानी गेट के पास स्थित है और किले की दीवारों से घिरा हुआ है. इस मंदिर का निर्माण 1700 ईसवी के आस-पास हुआ था, जो किले के निर्माण से पहले हुआ था, और यह अहिल्या बाई होलकर की ओर से कराया गया था.

300 साल पुराना है मंदिर
मंदिर के पुजारी राजेंद्र प्रसाद तिवारी ने बताया कि 300 साल से भी ज्यादा पुराने इस मंदिर को उनके पूर्वजों को अहिल्या बाई होलकर द्वारा पूजा करने के लिए दान में दिया गया है, और सात पीढ़ियों से वही इस मंदिर की पूजा और देखभाल कर रहे हैं. इस मंदिर में जो भी मनोकामनाएं मांगी जाती हैं, मान्यता है कि वे पूरी हो जाती हैं. यहां भक्त भगवान गणेश के दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं, मन्नतें मांगते हैं और पूरी होने पर उतारने भी आते हैं.

मन्नत पूरी होने पर करते है स्वास्तिक सीधा
पुजारी राजेंद्र प्रसाद के अनुसार, चिंतामण गणेश मंदिर भगवान गणेश के पूजन स्थल के रूप में जाना जाता है जहां भक्त अपनी समस्याओं और मनोकामनाओं को गणेश जी के सामने रखते हैं. उनकी मनोकामनाएं पूरी होने पर वे स्वास्तिक को सीधा करते हैं, जैसा कि प्राथमिक प्रथा है. यह माना जाता है कि जो भक्त स्वास्तिक को सीधा नहीं करते, उनके काम बिगड़ सकते हैं. इसके अलावा, यह भी कहा जाता है कि भगवान गणेश स्वयं सपने में आकर भक्तों की मन्नतें याद दिलाते हैं और उनके प्राप्ति में मदद करते हैं. विशेषकर, वो महिलाएं जिन्हें बच्चे नहीं होते हैं, वे भी मंदिर में मन्नत लेती हैं और भगवान गणेश की कृपा से उनकी गोद भर जाती है.

एक महीने में पूरी हुई मन्नत
इटावदी गांव की ममता पाटीदार ने बताया कि उनके पति दिलीप पाटीदार के पैर में ब्लड रुक गया था, जिसके बाद उन्होंने मंदिर में भगवान गणेश से मन्नत मांगी और उनके पति का ऑपरेशन सफलता पूर्वक हो गया. इसके बाद, उन्होंने वापस मंदिर आकर अपनी मन्नत उतारी. महक पाटीदार ने बताया कि यहां  जो भी मन्नतें मांगते हैं, वो पूरी होती है. सैकड़ों सीढ़ियां चढ़ने के बाद भक्त मंदिर पहुंचते है. पहाड़ी पर होने से बारिश के दिनों में पत्थर गिरते है. इसीलिए बाउंड्रीवाल निर्माण की मांग पर क्षेत्रीय विधायक डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने विधायक निधि से मंदिर की बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए 5 लाख रुपए स्वीकृत किए है. जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा.

Tags: Dharma Aastha, Latest hindi news, Local18, Madhyapradesh news

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *