हैंडलूम पर उकेरी बाबा साहेब की छवि, 25 दिन में हुई तैयार, कीमत जानना चाहेंगे?

दीपक पाण्डेय/खरगोन. अपनी खास बनावट की वजह से महेश्वर की साड़ियां दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं. ये साड़ियां सिर्फ मध्य प्रदेश के खरगोन की पवित्र नगरी महेश्वर में ही बनती हैं. यहां बुनकर हैंडलूम (हथकरघा) पर हाथों से साड़ियां बनाते हैं. इन दिनों ये बुनकर साड़ियों के साथ-साथ सजावटी सामान पर भी हाथ आजमा रहे हैं. घरों में लगाए जाने वाले वॉल हैंगिंग भी हैंडलूम पर बना रहे हैं. इसी क्रम में मास्टर बुनकर मुसर्रफ अंसारी ने इतिहास में पहली बार हैंडलूम पर संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की छवि उकेरी है. बुनकर ने इसे वॉल हैंगिंग के रूप में तैयार किया है.

हैंडलूम पर उभरी तस्वीर की बारीकियां ऐसी हैं कि देखने पर यह आपको हुबहू पेंटिंग की तरह नजर आएगी. बुनकर ने नेट से बाबा साहेब की तस्वीर को प्रिंट किया और फिर उसे कपड़े पर उकेरा है. मुसर्रफ अंसारी ने लोकल18 को बताया कि हैंडलूम पर बाबा साहेब की तस्वीर उकेरने में खास तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. आमतौर पर माहेश्वर साड़ी का ग्राफ 3 से 5 इंच होता है. लेकिन तस्वीर को बनाने के लिए 30 इंच का ग्राफ लिया गया. तारों को गिन-गिन कर डिजाइन तैयार किया है. ये बहुत मुश्किल काम होता है. महेश्वर में इस तरह का काम पहली बार हुआ है.

12 से 15000 रुपए है कीमत
उन्होंने लोकल18 को बताया कि हैंडलूम पर तैयार बाबा साहेब की वॉल हैंगिंग फ्रेमिंग के साथ 12000 से 15000 रुपए में मिलेगी. इसका आकार 30 बाय 35 इंच है. अभी 2 नग बनाए हैं. नागपुर से 10 नग का ऑर्डर भी मिला है. यह वॉल हैंगिंग 20 से 25 दिन में बनकर तैयार हुई है.

कौन हैं मास्टर बुनकर मुसर्रफ अंसारी
40 साल के मुसर्रफ अंसारी लगभग 25 वर्षों से माहेश्वरी साड़ियां बना रहे हैं. महेश्वर के ही सेन गुप्ता से उन्होंने काम सीखा. बाबा साहेब की छवि से पहले भी उन्होंने ऐसे इनोवेटिव काम किए हैं. वे ओम की आकृति भी हैंडलूम पर उकेर चुके हैं. साड़ी के अलावा वे दुपट्टे, वॉल हैंगिंग, पर्दे, बेडशीट आदि भी बनाते हैं. मुसर्रफ बतौर मास्टर बुनकर नाबार्ड से भी जुड़े हैं. देश के कई राज्यों में लोगों को हैंडलूम चलाने और साड़िया बनाने की ट्रेनिंग दे चुके हैं.

कंपनी भी बनाई
मास्टर बुनकर मुसर्रफ ने लोकल18 के साथ बातचीत में कहा कि महेश्वर के बुनकरों के ईजाद किए सामान देश-दुनिया तक आसानी से पहुंचें, इसके लिए उन्होंने महेश्वर आर्टिजम एंड टूरिज्म लिमिटेड नाम से खुद की कंपनी भी बनाई है. इसमें महेश्वर के 400 बुनकर जुड़े हैं. नाबार्ड उन्हें सपोर्ट करता है. अपने काम से वे महीने के 40,000 रुपए तक कमा रहे हैं. इसके अलावा ट्रेनिंग देकर वे कई लोगों को रोजगार से जोड़ चुके हैं.

Tags: ART, Dr. Bhimrao Ambedkar, Local18, Mp news

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *