हेमंत सोरेन को फिलहाल झारखंड हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, कोर्ट से ED से मांगा जवाब

नई दिल्‍ली :

प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के खिलाफ झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत से हेमंत सोरेन को आज कोई राहत नहीं मिली है. हाईकोर्ट के चीफ न्यायाधीश जस्टिस एस. चंद्रशेखर और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की बेंच ने ईडी से जवाब मांगा. कोर्ट ने ईडी को 9 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 12 फरवरी की तिथि निर्धारित की.

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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन की याचिका सुनने से इनकार करते हुए उन्‍हें हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया था. सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद धनशोधन के एक मामले में बुधवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया था. ईडी ने कथित भूमि धोखाधड़ी मामले से जुड़े धनशोधन के आरोपों को लेकर सात घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद बुधवार को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था.

रांची की विशेष पीएमएलए अदालत ने कथित भूमि धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन के मामले में गिरफ्तार सोरेन को शुक्रवार को पांच दिन के लिए ईडी हिरासत में भेज दिया था. इस बीच राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ‘सबूत गढ़’ रहा है, ताकि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उस मामले में ‘फंसाया’जा सके, जिसमें उन्हें गिरफ्तार किया गया है. 

रांची की एक विशेष अदालत ने शनिवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पांच फरवरी को राज्य विधानसभा में विश्वास मत में भाग लेने की अनुमति दी है. सोरेन ने अदालत के समक्ष दलील दी कि वह विधानसभा के सदस्य हैं और उन्हें विशेष सत्र में भाग लेने का अधिकार है. 

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