विकास पांडेय/सतना: सेवा का मूल्य सिर्फ ईश्वर ही दे सकते हैं. यह कहना है सेवा संकल्प के अध्यक्ष सुरेश बड़ेरिया का, जिन्होंने जिला चिकित्सालय में खाली पड़ी जमीन में गरीब असहाय लोगों के लिए दो वक्त की रोटी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक किचन की शुरुआत की, ताकि गरीबों को भोजन नसीब हो सके.
मानव सेवा का भाव लिए सुरेश ने कभी सोचा भी नहीं था कि सतना में वह एक दिन हजारों लोगों के लिए प्रतिदिन भोजन का आश्रय स्थल खड़ा कर देंगे. कभी पन्नी और टीन शेड के नीचे चंद लोगों के लिए रोटी उपलब्ध कराने वाले सुरेश आज जनभागीदारी से सेवा संकल्प की स्थापना कर हजारों लोगों के लिए मात्र 5 रुपये में भोजन उपलब्ध कराते हैं.
ऐसे शुरुआत हुई सेवा संकल्प की
सुरेश ने बताया कि अक्सर ही अपने काम को लेकर मेरा आना जाना हॉस्पिटल लगा रहता था. तब मैं देखता था कि कैसे मरीजों के परिजन खुले में खाना बना रहे हैं. कई लोग तो भूंखे ही फुटपाथ में सो रहें हैं, जिसे देख मैं विचलित हो जाता था. अक्सर सोचता था कि इनके लिए कुछ न कुछ हमें करना चाहिए. एक दिन मैंने सोचा क्यों न हम एक किचन की शुरुआत करें, ताकि लोग न्यूनतम दर पर या फिर निःशुल्क ही भरपेट भोजन कर सकें. यहीं से हमने किचन खोलने की कार्य योजना बनाई. कुछ मित्रों से बात की और अपने किचन बनाए जाने के प्रस्ताव को लेकर जिला अध्यक्ष सुखबीर सिंह के पास 10 फरवरी 2010 को पहुंचे. उन्हें प्रस्ताव पसंद आया और उन्होंने जगह चिन्हित कर 4, 5 दिन के अंदर ही किचन शुरू करने की मंजूरी दे दी. 14 फरवरी 2010 को हमने खाली पड़ी जमीन पर पन्नी और टीन शेड से किचन की शुरुआत की, जिसके बाद से समाजसेवी लोग जुड़ते गए और जनभागीदारी से सेवा संकल्प की बिल्डिंग बन गई. जहां किचन, किचन की मशीनरी, वाटर कूलर, लोगों को बैठने के लिए टेबल सहित समस्त व्यवस्थाएं धीरे-धीरे बढ़ती गईं.
आखिर 5 रुपये ही क्यों रखा मूल्य
सुरेश ने बताया की भोजन निःशुल्क होने की वजह से लोग यहां खाने में असहज महसूस करते थे, इसलिए हमने सोचा क्यों न हम भोजन का मूल्य 5 रुपये रखें ताकि लोग स्वाभिमान के साथ भोजन कर सकें. अगर किसी के पास 5 रुपये भी नहीं है. वह निःशुल्क भोजन कर सकता है. खाने का मेन्यू प्रतिदिन बदल जाता है, जिसमें सब्जी, दाल, रोटी, चावल, पापड़, अचार, सलाद और व्यवस्था के अनुसार एक स्वीट डिश की व्यवस्था होती है.
रोजाना हजारों लोग करते हैं भोजन
सेवा संकल्प में पहले एक वक्त ही भोजन उपलब्ध कराया जाता था, लेकिन कुछ दिनों बाद इसे सुबह-शाम दोनों वक्त कर दिया गया. इस किचन में प्रतिदिन अलग अलग संख्या में लोग भोजन करते हैं. लेकिन महीने में यहां खाने वालों का औसत निकालें तो दोनों वक्त का मिला कर हजार की संख्या पहुंच जाती है.
मेडिकल उपकरण बैंक
सेवा संकल्प द्वारा न सिर्फ़ भोजन बल्कि अब निःशुल्क मेडिकल उपकरण जैसे, व्हील चेयर, बेड, विस्तार, स्टिक सहित सभी तरह के जरूरी उपकरण जरूरतमंद को पूरी तरह निःशुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं. इसके अलावा लागत मूल्य पर एम्बुलेंस एवं शव वाहन भी उपलब्ध करवाया जाता है.