अभिनव कुमार/दरभंगा. संस्कृत सिर्फ भाषा नहीं है यह सीधे भक्त को भगवान से जोड़ती है. संस्कृत को देवनागरी लिपि में रखा गया है. आज हम आपको बताएंगे संस्कृत को देवों की भाषा क्यों कहा गया है. इस नवरात्रि में लोग विभिन्न तरह से पूजा अर्चना और पाठ को करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि संस्कृत भाषा में पाठ करना कितना लाभकारी है? इस भाषा में पाठ को सुनना भी उतना ही लाभकारी है.
मानव जाति के लिए मां दुर्गा की आराधना सबसे श्रेष्ठ
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर ज्योतिष विभाग के विभाग का अध्यक्ष डॉक्टर कुणाल कुमार झा बताते हैं कि मानव जातिय के लिए मां दुर्गा की आराधना सबसे श्रेष्ठ माना गया है. खास करके संस्कृत में ही उनका आराधना करनी चाहिए. क्योंकि देव भाषा संस्कृत है. दुर्गा मार्कंडेय पुराण से निर्षित यह दुर्गा सप्तशती है. दुर्गा सप्तशती का अर्थ होता है जिसमें 700 श्लोक हो.
मां दुर्गा की आराधना और सप्तशती पाठ करने से अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है. यदि संस्कृत पढ़ने में परेशानी हो रही है तो किसी विद्वान या ज्ञानी से संस्कृत में पाठ कर कर उसे आप सुन सकते हैं. इससे भी आपको मनवांछित फल की प्राप्ति होगी.
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FIRST PUBLISHED : October 18, 2023, 10:59 IST