Lucknow hit and run
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मासूम नामिश की जान लेने वाले रईसजादों पर रफ्तार का जुनून चढ़ा था। दोनों ने होड़ लगा रखी थी कि कौन सबसे तेज एसयूवी दौड़ाएगा। जब सार्थक सिंह एसयूवी चला रहा था तो रफ्तार 150 पार हो गई थी। मामूली से मोड़ पर एसयूवी बिल्कुल किनारे तक पहुंची और नामिश को चपेट में ले लिया। इस तरह रफ्तार का कहर नामिश की जान निगल गया।
हादसे को अंजाम देने वाले सार्थक और देवश्री एक ही मोहल्ले में रहते हैं। देवश्री के पिता सराफ हैं। डीसीपी पूर्वी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि देवश्री के कानपुर निवासी चाचा अंशुल उसके घर आए हुए थे। उनकी ही एसयूवी लेकर देवश्री मंगलवार भोर करीब चार बजे घर से निकला था। साथ में सार्थक भी था।
इधर-उधर घूमने के बाद दोनों जी-20 तिराहे पर पहुंचे थे। दोनों ने होड़ लगाई कि देखते हैं कौन ज्यादा तेज गाड़ी चलाएगा। सबसे पहले देवश्री ड्राइविंग सीट पर बैठा और शहीद पथ तक एसयूवी दौड़ाई। वापसी में शहीद पथ से सार्थक ने स्टेयरिंग संभाली। रफ्तार के जुनून में वह एक्सीलरेटर दबाता रहा।
रफ्तार 150 पार हो गई। वह नियंत्रण खोया ही था कि जी-20 तिराहे से करीब आठ सौ मीटर पहले स्केटिंग कर रहे नामिश को टक्कर मार दी। पूछताछ में सार्थक व देवश्री ने होड़ लगाकर एसयूवी दौड़ाने की बात कुबूल की है। डीसीपी ने बताया कि हादसे के बाद भी वह काफी रफ्तार में ही एसयूवी भगाकर ले गया था।