मौत भी नहीं कर सकी दो सहेलियों को जुदा, एक ही अर्थी पर किया गया अंतिम संस्कार

आशीष कुमार/पश्चिम चम्पारण. पश्चिम चंपारण जिले के बैरिया ब्लॉक स्थित सरैया मन में हुए नाव हादसे में एक साथ डूबकर जान गंवाने वाली दो सहेलियां खुशबू और लालचुनी की शुक्रवार को एक ही अर्थी पर अंतिम यात्रा निकाली गई. अंतिम यात्रा में गांव के अधिकांश लोग शामिल थे. उनकी आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे. गंडक नदी के किनारे एक ही चिता पर दोनों सहेलियों का अंतिम संस्कार किया गया. एक ही चिता पर लेटी दोनों सहेलियों को बारी-बारी से उनके पिता ने अलग-अलग मुखाग्नि दी.

श्मशान घाट पर सबसे ज्यादा हृदय विदारक वह पल रहा, जब दोनों सहेलियों के पिता ने बारी-बारी से उन्हें मुखाग्नि दी और फूट-फूटकर रोने लगे. बता दें कि मृतका खुशबू बैरिया थाना के बलुआ-रमपुरवा गांव के वार्ड-17 निवासी छोटेलाल मुखिया की बेटी थी, जबकि मृतका लालचुनी भी उसी गांव के शंभू चौधरी की बेटी थी. दाह-संस्कार में शामिल हुए लोगों ने दोनों पिताओं को किसी तरह से चुप कराया. ग्रामीणों की मानें तो दोनों सहेली खुशबू और लालचुनी उम्र में एक-दूसरे से छोटी-बड़ी जरूर थी. बावजूद वह दोनों बचपन से ही हमेशा एक-दूसरे के साथ रहती थी.

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सरैयामन झील में हुई थी दुर्घटना
बता दें कि बैरिया थाना क्षेत्र में बहने वाली सरैयामन झील को मछली मारने वाली नाव से पार कर बुधवार की शाम करीब 4 बजे चार बच्चियां खुशबू, लालचुनी, पुष्पा, सिंधु और एक अन्य महिला लीलावती घास काटने गई थी. घास काटकर लौटते वक्त अंधेरा हो गया था. इसके बावजूद सभी नाव पर सवार हुई और नाव को आगे बढ़ाने लगी. जैसे ही नाव कुंडवा घाट के समीप पहुंची, उसमें पानी भरने लगा और वह डगमगाने लगी. थोड़ी ही देर में स्थिति बेकाबू हो गई और नाव डूब गई. नाव के डूबने पर खुशबू और लालचुनी शैवाल में फंस गए. इस वजह से डूबने से उनकी मौत हो गई. वहीं, पुष्पा, सिंधु और लीलावती ने किसी तरह अपनी जान बचाई.

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