मोदी सरकार ने नई संसद में पेश किया नारी शक्ति वंदन विधेयक, लोकसभा-विधानसभा में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का प्रावधान

ANI

यह कानून पहली बार देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली संयुक्त मोर्चा सरकार द्वारा 12 सितंबर, 1996 को 81वें संशोधन विधेयक के रूप में लोकसभा में पेश किया गया था। हालाँकि, विधेयक सदन द्वारा पारित होने में विफल रहा और लोकसभा के विघटन के साथ यह समाप्त हो गया।

नई संसद में सत्र के पहले दिन केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सालों से अटके बहुप्रतीक्षित नारी शक्ति वंदन विधेयक नाम के महिला आरक्षण विधेयक को लोकसभा में पेश किया। यह केंद्रीय कैबिनेट द्वारा विधेयक को मंजूरी दिए जाने के बाद आया है। एक ऐसा कदम जिसे सभी दलों का सर्वसम्मति से समर्थन मिला, हालांकि कांग्रेस ने कहा कि यह मांग सोनिया गांधी के नेतृत्व में यूपीए द्वारा शुरू की गई थी। विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत कोटा आरक्षित करने का प्रावधान है। यह कानून पहली बार देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली संयुक्त मोर्चा सरकार द्वारा 12 सितंबर, 1996 को 81वें संशोधन विधेयक के रूप में लोकसभा में पेश किया गया था। हालाँकि, विधेयक सदन द्वारा पारित होने में विफल रहा और लोकसभा के विघटन के साथ यह समाप्त हो गया।

नए संसद भवन के लोकसभा में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि यह बिल महिला सशक्तिकरण के संबंध में है। यह बिल महिला सशक्तिकरण के संबंध में है. संविधान के अनुच्छेद 239AA में संशोधन करके, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCT) दिल्ली में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित की जाएंगी। अनुच्छेद 330A लोक सभा में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए सीटों का आरक्षण है। नये संसद भवन में पेश होने वाला यह पहला विधेयक है। सरकार ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक का उद्देश्य राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर नीति-निर्माण में महिलाओं की अधिक भागीदारी को सक्षम बनाना है। विधेयक के उद्देश्य में कहा गया है कि 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में महिलाओं की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। इसमें कहा गया है कि परिसीमन प्रक्रिया शुरू होने के बाद आरक्षण लागू होगा और 15 वर्षों तक जारी रहेगा। 

मोदी ने क्या कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद में महिला आरक्षण को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी के कार्यकाल में कई बार महिला आरक्षण बिल पेश किया गया। लेकिन उसे पास कराने के लिए आंकड़े नहीं जुटा पाए और यही कारण है कि वह सपना अधूरा रह गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि महिला को अधिकार देने का, उनकी शक्ति को आकार देने का काम करने के लिए भगवान ने मुझे चुना है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने महिला आरक्षण को नारी शक्ति वंदन अधिनियम का नाम दिया है। प्रधानमंत्री ने जब यह बातें कहीं तो संसद में तालिया के कर्कराहट साफ तौर पर सुनाई दे रही थी। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण की हमारी हर योजना ने महिला नेतृत्व करने की दिशा में बहुत सार्थक कदम उठाए हैं।

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