‘मैं इस फैसले से…’ मनोहर लाल खट्टर ने दी पहली प्रतिक्रिया, लोकसभा चुनाव लड़ने पर भी बोले

नई दिल्ली/चंडीगढ़. आगामी लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा की राजनीति में मंगलवार को हुए एक नाटकीय घटनाक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. कुछ ही देर बाद बीजेपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष नायब सिंह सैनी ने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. सैनी के साथ ही कंवरपाल गुर्जर, मूलचंद शर्मा, चौधरी रंजीत सिंह चौटाला, जय प्रकाश दलाल और बनवारी लाल ने मंत्री पद की शपथ ली. सैनी (54) को खट्टर का करीबी माना जाता है. अक्टूबर के अंत में मुख्यमंत्री के रूप में खट्टर का दूसरा कार्यकाल खत्म होना था.

शपथ ग्रहण समारोह के बाद, मनोहर लाल खट्टर ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, ‘बीजेपी में हमेशा नए नेतृत्व को मौका देते रहते हैं. मध्यप्रदेश, उत्तराखंड में भी ऐसे मौके आए. संसदीय दल ने इसका निर्णय लिया है. मैं इस फैसले से प्रसन्न हूं कि नए नेतृत्व को मौका मिलेगा. हो सकता है कि मुझे लोकसभा की जिम्मेदारी दी जाए, ऐसा होगा तो मैं स्वीकार करूंगा. कुछ समय पहले मैने खुद आगे बढ़कर कहा था कि हमें कोई नया नेतृत्व लाना चाहिए और जब पार्टी ने विचार किया तो मैंने खुद नाम आगे रखा और सबने स्वीकार किया.’

इससे पहले, बीजेपी विधायक दल की बैठक में सैनी को नेता चुना गया. बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ और हरियाणा मामलों के प्रभारी बिप्लब देब मौजूद थे. नेता चुने जाने के बाद सैनी ने खट्टर और अन्य नेताओं के साथ राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया.

कुरुक्षेत्र से सांसद हैं नायब सिंह सैनी
ओबीसी से ताल्लुक रखने वाले सैनी कुरुक्षेत्र से सांसद हैं और पिछले साल अक्टूबर में ओम प्रकाश धनखड़ को हटाकर उन्हें प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. इस बदलाव को ओबीसी समुदाय पर अपनी पकड़ मजबूत करने के बीजेपी के प्रयास के तौर पर देखा गया था. राज्य में सबसे अधिक आबादी जाट समुदाय की है. माना जाता है कि इस समुदाय का वोट कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और इंडियन नेशनल लोकदल के बीच बंट जाता है.

सैनी ने प्रदेश संगठन में कई पदों पर जिम्मेदारी संभाली है. वह बीजेपी की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा में भी कई दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं. साल 2012 में उन्हें बीजेपी ने अंबाला इकाई का जिला अध्यक्ष बनाया था और फिर साल 2014 में वह नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे. वह हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री भी रहे हैं. साल 2019 में वह कुरुक्षेत्र से सांसद चुने गए थे.

हरियाणा में मुख्यमंत्री को ऐसे समय में बदला गया है, जब लोकसभा चुनाव की घोषणा होने में कुछ ही दिन बचे हैं. हरियाणा विधानसभा के पिछले चुनाव के बाद बीजेपी ने जेजेपी के साथ मिलकर और कुछ निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी. मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री और जजपा अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री बने. पंजाबी खत्री समुदाय से ताल्लुक रखने वाले खट्टर ने आज जब मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया, तब राज्य मंत्रिपरिषद में उनको मिलाकर कुल 14 मंत्री थे. इसमें चौटाला सहित जेजेपी के तीन सदस्य भी शामिल थे.

Tags: Haryana news, Manohar Lal Khattar

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