मुजफ्फरनगर की घटना पर हंगामा और जम्मू पर चुप्पी, यही तो है विपक्ष का दोगलापन

प्रशासनिक सक्रियता के परिणाम स्वरूप शिक्षिका के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया है। बेसिक शिक्षा विभाग भी हरकत में आया है और विभाग ने स्कूल प्रबंधक को मान्यता रद्द करने का नोटिस जारी किया है।

विगत दिनों देश में कुछ सुखद व दुखद घटनाएं घटीं जिन पर आई.एन.डी.आई.ए. गठबंधन की प्रतिक्रिया ने उसकी देश और समाज विरोधी मानसिकता को पूरी तरह से उजागर कर दिया। आई.एन.डी.आई.ए. गठबंधन की इन प्रतिक्रियाओं से यह साफ हो गया है कि इस गठबंधन की मानसिकता हिंदू समाज तथा सनातन परंपरा की विरोधी है और यह गठबंधन भारत की उपलब्धियों से नफरत करता है। चंद्रयान-3 की गौरवमयी सफलता के उत्सव के मध्य उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से नेहा पब्लिक स्कूल में एक दिव्यांग महिला शिक्षिका द्वारा एक मुस्लिम छात्र को पहाड़े याद न होने पर कक्षा के अन्य छात्रों से थप्पड़ लगवाने की घटना का वीडियो बनाकर उसे इंटरनेट पर वायरल कर दिया गया। इसके साथ ही टूलकिट गैंग सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गया और हिंदू समाज, भारतीय जनता पार्टी तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर टूट पड़ा। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को समझते हुए सक्रियता दिखाई जिसका परिणम यह हुआ कि जो लोग उत्तर प्रदेश सहित देश के अन्य भागों में आग लगाकर अपनी स्वार्थपरक राजनैतिक रोटियां सेंकना चाह रहे थे वो सफल नहीं पाये।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े रुख और प्रशासनिक सक्रियता के परिणाम स्वरूप शिक्षिका के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया है। बेसिक शिक्षा विभाग भी हरकत में आया है और विभाग ने स्कूल प्रबंधक को मान्यता रद्द करने का नोटिस जारी किया है। जांच में पता चला है कि स्कूल की मान्यता 2022 में ही समाप्त हो चुकी थी। पुलिस पूरी घटना की हर कोण से जांच कर रही है और यह तथ्य सामने आया है कि मुस्लिम छात्र को थप्पड़ मारने की घटना में दो मुस्लिम भी शामिल थे। यह जांच भी की जा रही है कि घटना का वीडियो किस फोन से जारी किया गया है और उसका उद्देश्य क्या था, उसके बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। आरोपी शिक्षिका तृप्ति ने घटना पर क्षमा मांगते हुए कहा कि बच्चों से पिटाई कराना गलत था और यह किसी रंजिश की वजह से नहीं हुआ। वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गयी है। स्कूल प्रबंधक और शिक्षिका का भारतीय जनता पार्टी व संघ से कोई सम्बन्ध नहीं है। क्षेत्र के सीओ डॉ. रवि शंकर का कहना है कि छात्र को थप्पड़ मारने के मामले में रिपोर्ट दर्ज है इसकी विवेचना जारी रहेगी और इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किये गये वीडियो को भी जांच में शामिल किया गया है, संबंधित युवक के मोबाइल की भी जांच की जा रही है। स्कूल में वीडियो बनाने वाले पीड़ित छात्र के चाचा नदीम का कहना है कि उसने शिक्षिका की जानकारी के बिना वीडियो बनाई थी और यह जारी किसने किया यह जानकारी नहीं है। यहाँ यह महत्वपूर्ण है कि तृप्ता त्यागी इस क्षेत्र में वर्षों से समान रूप से हिन्दू और मुस्लिम बच्चों को पढ़ा रही हैं।

स्पष्ट है कि आई.एन.डी.आई.ए. गठबंधन में शामिल विरोधी दलों ने भारतीय जनता पार्टी व संघ के खिलाफ जो विष वमन किया वह पूरी तरह से झूठ पर आधारित था और गठबंधन इस घटना पर अपनी राजनैतिक रोटियां सेंक रहा था। भारतीय जनता पार्टी पसमांदा मुसलमानों के मध्य अपनी पकड़ बनाने का प्रयास कर रही है और प्रथम दृष्टया उसमें सफल होती भी दिखाई पड़ रही है। यही कारण है कि आई.एन.डी.आई.ए. गठबंधन इस घटना के माध्यम से उत्तर प्रदेश में ही नहीं अपितु देश के अन्य भागों में भी नफरत का जहर बोना चाह रहा था जो योगी जी की सक्रियता के कारण विफल हो गया है।

वहीं दूसरी तरफ उज्जैन व जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले से भी कुछ घटनाएं सामने आई हैं। उज्जैन के एक ईसाई मिशनरी स्कूल में एक हिंदू छात्र ने ब्लैकबोर्ड पर जय श्रीराम लिख दिया, इतनी-सी बात पर  विद्यालय प्रबंधन ने इस छात्र को कड़ी फटकार लगाई और अपमानित किया। छात्र की दुर्दशा को देखकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने पुलिस के समक्ष शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन किया। अब राज्य सरकार ने स्कूल की गतिविधियों की जांच के आदेश दे दिए हैं।

जो सबसे दुखद और बड़ी घटना प्रकाश में आई वो थी जम्मू स्थित सरकारी स्कूल में दसवीं के एक हिंदू छात्र को इतना बेरहमी से पीटा गया कि उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। उस बालक का अपराध केवल इतना था कि उसने अपनी कक्षा के ब्लैक बोर्ड पर ”जय श्रीराम“ लिख दिया था। छात्र को प्रताड़ित करने वाले कोई और नहीं, उसी के स्कूल के प्रधानाचार्य मोहम्म हाफिज और शिक्षक फारूक महमूद हैं। घटना 25 अगस्त को घटी। कहा जा रहा है कि जब फारूक ने छात्र द्वारा जय श्री राम का नारा लिखा देखा तो उसने अन्य छात्रों के सामने उस बालक को जमीन पर गिराकर बुरी रह पीट दिया। उसके बाद वह छात्र को प्रधानाचार्य के कमरे में ले गया और उसने दरवाजा बंद कर प्रधानाचार्य के साथ मिलकर फिर से छात्र की पिटाई की और धमकी दी कि यदि उसने फिर से जय श्रीराम लिखा तो वो उसे जान से मार देंगे। गनीमत यह है कि जम्मू-कश्मीर में इस समय राष्ट्रपति शासन लागू है इसलिए प्रशासन ने तत्काल कार्यवाही की है। घटना में शामिल सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है और आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि प्रधानाचार्य फरार है।

उक्त सभी घटनाओं में आई.एन.डी.आई.ए. गठबंधन द्वारा दी गई प्रतिक्रिया गठबंधन में शामिल दलों की विकृत सोच उजागर कर रही है। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की घटना पर राहुल गांधी एंड कंपनी बहुत तीव्रता के साथ सक्रिय हो गई किंतु उज्जैन व जम्मू के स्कूल में घटी घटनाओं पर इनके मुंह में दही जम गया क्योंकि इन घटनाओं में पीड़ित छात्र हिन्दू थे और घटना को अंजाम देने वाले तथाकथित अल्पसंख्यक।

उधर जब नागपंचमी के पवित्र दिन हिंदू समाज के एक स्थानीय पर्व के अवसर पर शोभायात्रा पर बिहार के बगहा और मोतिहारी में पथराव किया गया तब इस गठबंधन के दलों के प्रवक्ताओं ने हिंदू समाज को ही दोषी बताना प्रारम्भ कर दिया। स्पष्ट है कि मोहब्बत की झूठी दुकान खोलकर बैठे लोग लोग देश जलाने के लिए माचिस लेकर बैठे हैं। आने वाले महीनों में शासन-प्रशासन के साथ हिंदू समाज को भी बहुत अधिक सतर्कता बरतनी होगी क्योंकि प्रमुख हिन्दू पर्वों की श्रृंखला का प्रारम्भ होने जा रहा है।

-मृत्युंजय दीक्षित

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