मार्च में कब है विजया एकादशी? देवघर के ज्योतिषी से जानें महत्व, पूजा विधि

 परमजीत कुमार/देवघर.हर माह में दो एकादशी का व्रत रखा जाता है एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में. वही फागुन मास की शुरुआत हो चुकी है. फागुन माह में पड़ने वाले पहले एकादशी के व्रत तिथि को लेकर संशय बनी हुई है.फागुन मास की पहली एकादशी विजया एकादशी कहा जाता है. इस दिन आप भगवान विष्णु को प्रसन्न कर अपने शत्रु पर विजय पा सकते हैं. इसके साथ ही विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा विधि विधान के साथ करते हैं तो कोर्ट कचहरी के मामलों में भी आपको सफलता मिलेगी. आईये देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि कब है फागुन मास का विजय एकादशी पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व?

देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषआचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 से कहा कि फागुन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं. इस एकादशी का व्रत 6 मार्च को रखा जाएगा. विजया एकादशी के दिन पीला पुष्प और पीला मिठाई के साथ पंचोपचार विधि से भगवान विष्णु की पूजा आराधना करनी चाहिए. इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं.

कब है एकादशी
फागुन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 6 मार्च को सुबह 7 बजकर 23 मिनट से होने जा रहा है और समापन अगले दिन यानी 7 मार्च को सुबह 5 बजकर 46 मिनट में होगा है. उदया तिथि के अनुसार 6 मार्च को ही एकादशी का व्रत रखा जाएगा. वहीं, पूजा का शुभ मुहूर्त 7बजकर 30 मिनट से लेकर 9 बजकर 43 मिनट तक रहने वाला है. एकादशी के बाद पारण का भी महत्व होता है. इसलिए अगले दिन 7 मार्च को एकादशी का पारण किया जाएगा.

विजया एकादशी की पूजा विधि:
– विजया एकादशी के दिन सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प लें.

– चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें

– भगवान विष्णु को गंगाजल से अभिषेक करें.

– भगवान विष्णु को गंध,धूप, दीप,पीला पुष्प अर्पण करे और पीला चंदन लगाए.

-भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम का जाप करें.

– भगवान विष्णु को पीला मिठाई का भोग लगाए. इसके बाद आरती लगाए.

– अंत में पूजा करने के बाद भोग लगाया गया प्रसाद किसी गाय को अवश्य खिलाए इससे सभी तरह के दो समाप्त हो जाएंगे और घर से नकारात्मक शक्तियां भी दूर हो जाएगी.

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