फिलिस्तीनियों के नरसंहार के लिए पश्चिमी ताकतें मुख्य अपराधी : तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन

गत सात अक्टूबर को हमास के आतंकवादियों ने इजरायल पर अचानक हमला करके चकित कर दिया था. उन्होंने 220 से अधिक बंधकों को पकड़ लिया था और 1400 से अधिक लोगों की हत्या कर दी थी. इस पर एर्दोगन ने संतुलित रुख अपनाया था लेकिन इजरायल के जवाबी हमले में मरने वालों की तादाद बढ़ने से वे अधिक मुखर हो गए हैं.

गाजा में हमास द्वारा नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इजरायली हमलों में 7703 लोग मारे गए. इनमें मुख्य रूप से आम नागरिक थे, जिनमें से 3500 से अधिक बच्चे थे.

रेसेप तैयप एर्दोगन की इस्लामी-जड़ वाली पार्टी ने शनिवार को इस्तांबुल में फिलिस्तीन के समर्थन में एक विशाल रैली का आयोजन किया. तुर्की के नेता एर्दोगन के मुताबिक इसमें 15 लाख लोगों की भीड़ इकट्ठी हुई. इसमें मंच से उन्होंने इजरायल और उसके पश्चिमी समर्थकों पर तीखा हमला बोला.

एर्दोगन ने तुर्की और फिलिस्तीनी झंडे लहरा रही भीड़ से कहा, “गाजा में हो रहे नरसंहार के पीछे मुख्य अपराधी पश्चिम है.” उन्होंने कहा कि, “अगर हम कुछ ईमानदार आवाजों को छोड़ दें… गाजा में नरसंहार पूरी तरह से पश्चिम का काम है.”

एर्दोगन ने कहा कि इजरायल एक “युद्ध अपराधी” की तरह व्यवहार कर रहा है. उन्होंने कहा कि, “बेशक हर देश को अपनी रक्षा करने का अधिकार है, लेकिन इस मामले में न्याय कहां है?”

उन्होंने पश्चिमी शक्तियों पर यूक्रेन में नागरिकों की मौत पर “आंसू बहाने” और गाजा में फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत पर आंखें मूंद लेने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ”हम इन सभी दोहरे मानदंडों और इन सभी पाखंडों के खिलाफ हैं.”

एर्दोगन ने इजरायल के सहयोगियों पर ईसाइयों को मुसलमानों के खिलाफ खड़ा करने के लिए “धर्म युद्ध का माहौल” बनाने का आरोप लगाया. राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा, “बातचीत के लिए हमारे आह्वान को सुनें. न्यायसंगत शांति से कोई नहीं हारता.”

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