पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाने पर टीचर का सिर कलम: 6 नाबलिग दोषी करार फिर भी नहीं मिली जेल की सजा

16 घंटे पहले

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47 साल के सैमुअल पैटी बच्चों को हिस्ट्री और सिविक्स पढ़ाते थे। - Dainik Bhaskar

47 साल के सैमुअल पैटी बच्चों को हिस्ट्री और सिविक्स पढ़ाते थे।

तारीख- 16 अक्टूबर, साल-2020, फ्रांस का एक टीचर सैमुअल पैटी स्कूल के गेट से बाहर निकलता है। 18 साल का लड़का उनका पीछा करता है। थोड़ी दूर पहुंचते ही लड़का उस टीचर पर हमला करते हुए उनका सिर धड़ से अलग कर देता है।

हत्या की वजह पैगंबर मुहम्मद से जुड़ी बताई गई। हमलावर फ्रांसीसी-मुस्लिम था। इस हत्याकांड की पूरी दुनिया में निंदा हुई। फ्रांस के प्रेसिडेंट इमैनुअल मैक्रों ने इसे आतंकी हमला करार दिया। भारत ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी। सरकार ने कहा- हम फ्रांस में शिक्षक पर हुए आतंकी हमले की निंदा करते हैं।

अब 3 साल बाद इस मामले में 6 टीनएजर्स को दोषी करार दिया गया है। लेकिन उन्हें जेल नहीं भेजा जाएगा।

जिस स्कूल में सैमुअल पैटी पढ़ाते थे, वहां उनका ये पोट्रेट लगाया गया है।

जिस स्कूल में सैमुअल पैटी पढ़ाते थे, वहां उनका ये पोट्रेट लगाया गया है।

क्यों नहीं मिली जेल की सजा
सैमुअल पैटी की हत्या के समय सभी आरोपियों की उम्र 14-15 साल थी। फ्रांस की यूथ कोर्ट ने इन्हें 14 महीने से लेकर 2 साल तक का सस्पेंडिड सेंटेंस दिया है। ये कानून की ऐसी व्यवस्था होती है जिसमें किसी अपराध के लिए दोषी पाए गए व्यक्ति को जेल की सजा नहीं दी जाती, लेकिन अगर वह व्यक्ति एक स्पेसिफाइड पीरिड (तय समय सीमा) के दौरान कोई अन्य अपराध करता है तो उसे भविष्य में उस अपराध के लिए सजा दी जा सकती है। यानी सभी दोषियों को तभी सजा मिलेगी जब वो फिर से कोई अपराध करेंगे।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मौक्रों नेशनल मेमोरियल सेरेमनी में सैमुअल पैटी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मौक्रों नेशनल मेमोरियल सेरेमनी में सैमुअल पैटी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे।

सिलसिलेवार तरीके से पढ़ें पूरा मामला
सैमुअल पैटी बच्चों को हिस्ट्री और सिविक्स पढ़ाते थे। फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) की क्लास में उन्होंने पैगंबर मोहम्मद से जुड़े कुछ कार्टून दिखाए। ये कार्टून दिखाने से पहले उन्होंने क्लास में मौजूद मुस्लिम छात्रों से बाहर जाने के लिए कहा था। जिससे उनकी भावनाओं को ठेस न पहुंचे।

14 साल की एक टीनएजर ने अपने पिता को इस बारे में बताया। उसने कहा- हिस्ट्री टीचर ने हमें चार्ली हेब्दो न्यूजपेपर में छपे पैगंबर मौहम्मद के कुछ कार्टून दिखाए। इनमें से एक में पैगंबर के शरीर पर कपड़े नहीं थे। हालांकि, BBC की रिपोर्ट के मुताबिक जिस दिन ये कार्टून दिखाए गए उस दिन 14 साल की टीनएजर क्लास में मौजूद ही नहीं थी। अदालत ने अब इस लड़की को झूठे आरोप लगाने का दोषी पाया। इसी तरह अन्य टीनएजर्स को आपराधिक साजिश में शामिल होने का दोषी पाया गया।

टीचर के खिलाफ सोशल मीडिया पर कैंपेन शुरू हुआ
क्लासरूम में पैगंबर मोहम्मद से जुड़े कुछ कार्टून दिखाए जाने की बात तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। सैमुअल के खिलाफ कैंपेन शुरू हो गया। 18 साल के आरोपी अब्दुल्लाख अंजोरोव की नजर इस पर पड़ी। उसने सैमुअल को मारने का प्लान बनाया।

अंजोरोव 6 साल की उम्र में रूस से फ्रांस आया था। वो यहां शरणार्थी के तौर पर रह रहा था।

अंजोरोव 6 साल की उम्र में रूस से फ्रांस आया था। वो यहां शरणार्थी के तौर पर रह रहा था।

सैमुअल पर नजर रखने बच्चों को पैसे दिए
अंजोरोव ने क्लासरूम की घटना के एक हफ्ते बाद सैमुअल की हत्या को अंजाम दिया। 16 अक्टूबर को वो स्कूल पहुंचा। गेट के बाहर सैमुअल का इंतजार करता रहा। उसने कई बच्चों से सैमुअल के बाहर आने की जानकारी ली। इसके बाद टीचर पर नजर रखने दो बच्चों को पैसे दिए।

अंजोरोव ने गेट के बाहर करीब दो घंटे इंतजार किया। जब सैमुअल बाहर निकले तो अंजोरोव ने कुछ दूर तक उनका पीछा किया। उसके हाथ में 12 इंच का चाकू था। उसने मौका मिलते ही टीचर पर हमला कर दिया और उनका सिर कलम कर दिया।

यह घटनास्थल की तस्वीर है। 2020 में इसी जगह सैमुअल की हत्या हुई थी।

यह घटनास्थल की तस्वीर है। 2020 में इसी जगह सैमुअल की हत्या हुई थी।

आरोपी ने गुनाह कबूला
सैमुअल की हत्या के फौरन बाद अंजोरोव ने कबूल किया कि उसने टीचर की हत्या की है। द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक उसने रूसी भाषा में एक वीडियो बनाया। इसमें कहा- सैमुअल ने पैगंबर मोहम्मद का अपमान किया था। मैंने इस अपमान की बदला ले लिया है। उसने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट का जिक्र करते हुए कहा- भाईयों दुआ करो की अल्लाह मुझे शहीद के रूप में स्वीकार करे। हमले के कुछ ही घंटों बाद पुलिस ने अंजोरोव को मार गिराया था।

पैगंबर का कार्टून छापने वाले न्यूजपेपर के ऑफिस में 12 की मौत
2015 में चार्ली हेब्दो न्यूजपेपर के ऑफिस में हमला हुआ था। इस हमले की वजह पैगंबर मोहम्मद से जुड़े कार्टून थे। अल-कायदा से जुड़े दो फ्रांसीसी-मुस्लिमों ने ऑफिस में घुसकर गोलीबारी कर दी थी। 12 लोगों की मौत हो गई थी। 11 लोग घायल हुए थे।

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