पानी की तलाश में अब गांवों में नहीं भटकते जंगली जानवर! इस तकनीक पर हो रहा काम

 शशिकांत ओझा/पलामू. पलामू टाइगर रिजर्व(पीटीआर) के बेतला नेशनल पार्क में जंगली जानवरों को पानी की सुविधा के लिए नई तकनीक पर काम हो रहा है.यहां बाघ, लेपर्ड, हिरण, बाइसन, हाथी, चीतल, जयकाल व अन्य जंगली जानवर और विभिन्न प्रजाति के पक्षी मौजूद है.जिनके लिए जल श्रोत के लिए खास तौर पर विशेष तकनीक से कार्य किया जा रहा है. यह पार्क झारखंड की राजधानी रांची से लगभग 170 किलोमीटर और पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर से 25 किलोमीटर दूर है.

प्रोजेक्ट डायरेक्टर कुमार आशुतोष ने लोकल18 को से कहा कि  बेतला के जंगल में वन्य जीवों को पानी की सुविधा हेतु खास तौर पर सोलर पंप से पानी उपलब्ध कराया जाता है. इसके लिए सबसे पहले एक सिमेंटेड टब बनाया जाता है. जिसमें सोलर पंप से पानी भरा जाता है. वहीं टब से सटे तालाब भी बनाया गया है.सिमेंटर टब भरते हीं वो पानी तालाब में चला जाता है.इसके लिए बिजली की भी जरूरत नहीं पड़ती.और जंगली जानवरों को आसानी से पानी मिल जाता है.

ग्रामीण क्षेत्रों में चले जाते थे जंगली जानवर
आगे बताया कि पहले ग्रामीण क्षेत्रों से शिकायत आती थी.वाटर हाल में पानी नहीं मिलने से पानी की तलाश में जंगली जानवर ग्रामीण क्षेत्रों में चले जाते थे. इसमें सबसे ज्यादा हिरण और चीतल पानी के लिए ग्रामीण इलाकों में जाते थे. जिसके बाद नई तकनीक से उन्हे पानी उपलब्ध कराया जा रहा है. सिमेंटेड टब में हिरण, चीतल, मोर, व अन्य जानवर पानी पीते है.वहीं, तालाब में भी पानी भरा रहता है.उन्होंने बताया की ये पंप दिन भर चलता है जिससे पानी हमेशा भरा रहता है. अब जंगली जानवरों के ग्रामीण क्षेत्रों में जाने की शिकायत नहीं आती है.

20 नए बनाए जायेंगे सोलर पंप सिस्टम
उन्होंने यह भी बताया की अबतक 10 सिमेंटिड टब के साथ सोलर पंप सिस्टम लगाया गया है. जहां जंगली जानवर पानी पीते है.वहीं अब 20 और नए सिमेंटेड टब के साथ सोलर पम्प लगाया जाएगा.एक सिस्टम को लगाने में लगभग 8 लाख का खर्च आता है.अब इसे पूरे बेतला राष्ट्रीय उद्यान में फैलाने का उद्देश्य है.

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