नेपाल सीमा पर इलाज करने निकली 800 डॉक्टरों की टीम, सवा लाख मरीजों को मिलेगा नि:शुल्क लाभ

ऋषभ चौरसिया/लखनऊ: भारत और नेपाल की सीमा पर रहने वाले थारू जनजाति के लोगों के लिए एक बड़ी सूचीबद्ध स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम शुरू हो रहा है. इस कार्यक्रम के तहत एक लाख से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा साथ ही, बीमारियों का इलाज भी किया जाएगा. इस कार्यक्रम को संचालित करने के लिए लगभग 800 चिकित्सकों की टीम अपना योगदान देंगे. दरअसल, गुरुवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने राजधानी स्थित अटल बिहारी वाजपई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर से स्वास्थ्य सेवा यात्रा की शुरुआत की.

इस मौके पर डिप्टी सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा यात्रा के दौरान आये लोगों को सरकारी मदद मिलेगी और मेगा कैंप में सरकार द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने और प्रदेश को स्वस्थ बनाने के लिए नए कीर्तिमान स्थापित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.

सेवा यात्रा की हुई शुरुआत
डॉक्टर भूपेंद्र ने बताया कि चिकित्सा क्षेत्र में आरएसएस की अनुशांगिक शाखा नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन अवध प्रान्त वा श्री गुरू गोरक्षनाथ सेवा न्यास के संयुक्त प्रयास से विगत चार वर्षों से भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में “गुरू गोरक्षनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा” का सफल आयोजन किया जा रहा है. इसी के तहत, 8 फरवरी को अटल बिहारी बाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर से सेवा यात्रा की शुरुआत हुई है. इस स्वास्थ्य सेवा यात्रा में गोरखपुर एम्स, गोरखपुर मेडिकल कॉलेज, देवरिया मेडिकल कॉलेज, सिद्धार्थ नगर मेडिकल कॉलेज और बीएचयू के डॉक्टर भी शामिल होंगे. इस यात्रा की शुरुआत गोरखपुर स्थित श्री गोरक्षपीठ मन्दिर से आज होगी.

इसमें 30 से 40 टीमें होंगी शामिल
उन्होने बताया कि यह स्वास्थ्य सेवा यात्रा भारत-नेपाल के समीपवर्ती क्षेत्रों में थारू जनजातियों समेत अन्य लोगों के लिए आयोजित की जा रही है. इसमें 30 से 40 टीमें शामिल होंगी, प्रत्येक टीम में दो चिकित्सक और दो मेडिकल स्टाफ होंगे.इस यात्रा के दौरान, हर जिले में एक दिन का मेगा कैंप आयोजित किया जाएगा, जो कि जिला मुख्यालय में होगा.इससे पहले, टीमें दो दिन गांवों में काम करेंगी

800 कुशल चिकित्सकों और चिकित्सा छात्रों की टोली शामिल
इस वर्ष, इस स्वास्थ्य सेवा यात्रा को और अधिक विस्तृत करते हुए, 8, 9, 10 और 11 फरवरी, 2024 को आयोजित करके लगभग 800 कुशल चिकित्सकों और चिकित्सा छात्रों की टोली शामिल होगी, जो 290 गांवों में लगभग 1 लाख मरीजों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान करेगी. इस अवसर पर, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण, परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह, प्रांत प्रचारक कौशल, केजीएमयू कुलपति डॉ सोनिया नित्यानंद, और प्रो. विजेंद्र कुमार भी उपस्थित रहेंगे.

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