निशाने पर लगा तीर तो खेती के लिए मिलेगी जमीन, 100 साल पुरानी है झारखंड की ये प्रतियोगिता

कैलाश कुमार/बोकारो. मकर संक्रांति का त्योहार देशभर के विभिन्न प्रांतों में अलग परंपरा और रीति-रिवाज के साथ मनाया जाता है. बोकारो के कसमार प्रखंड के मंजूरा गांव में भी मकर संक्रांति के अवसर पर 100 साल पुरानी तीरंदाजी प्रतियोगिता (बेजा बिंधा) का आयोजन आज भी होता है. इस प्रतियोगिता में विजेता को उपहार के रूप में 1 वर्ष के लिए खेती करने के लिए जमीन दी जाती है.

प्रतियोगिता के आयोजक विजय किशोर ने बताया कि उनके पूर्वजों द्वारा गांव में बेजा बिंधा प्रतियोगिता शुरू की गई थी. मकर संक्रांति के दिन परंपरा अनुसार सबसे पहले नदी में स्नान कर गांव के पूज्य स्थान पर विधिवत पूजा की जाती है. उसके बाद गांव के गौड़ायत के द्वारा केला के स्तंभ को गाड़ा जाता है. फिर मंजूरा गांव के सभी प्रतिभागी तीर धनुष लेकर केले के खंभे से 101 कदम दूर जाकर निशाना लगाते हैं. विजेता प्रतिभागी को 20 डिसमिल खेत उपहार में दिया जाता है.

दूर-दूर से देखने आते हैं लोग
वहीं, इस प्रतियोगिता को देखने के लिए ग्रामीण दूरदराज के इलाकों से उत्साहपूर्वक आते हैं. सभी प्रतियोगी को प्रोत्साहित करते हैं. इस वर्ष प्रतियोगिता के विजेता मंजूरा गांव के निवासी भुनेश्वर महतो हैं, जिन्होंने छठे राउंड में सबसे पहले केले के खंभे पर निशाना लगा लिया. बताया कि प्रतियोगिता से पहले वह काफी दिनों से प्रयास कर रहे थे. आखिरकार उन्हें सफलता मिल गई. वहीं, इससे पूर्व वर्ष 2023 में इस प्रतियोगिता के विजेता किशोर महतो थे.

Tags: Archery Competition, Bokaro news, Local18, Makar Sankranti

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