देश की एकमात्र नदी, जिसकी होती है प्रत्यक्ष परिक्रमा, जानिए कहां है ये नदी

सोनिया मिश्रा/ चमोली : भारत तो नदियों का देश है. यहां आपको हर शहर में एक पौराणिक नदी मिल ही जाएगी. जिसका संबंध किसी न किसी कालखंड में किसी भगवान या ऋषि-मुनि से रहा होगा. वैसे प्रयाग, गंगा, अलकनंदा, भागीरथी, मंदाकिनी जैसी कई नदियों का नाम तो आपने सुने ही होगा, जो पहाड़ों से निकलकर समुद्र में मिल जाती है. ये ऐसी नदियां है, जिसमें आप तैर तो सकते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी नदी के बारे में बताएंगे जिसमें प्रत्यक्ष रूप से परिक्रमा किया जाता है, आप कभी ऐसे नदीं के बारे में सुने हैं या कभी देखा है. चौकिए मत ऐसा भी नदी इस देश में हैं. इस नदी की परिक्रमा करने के लिए भक्त देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी आते हैं.

चमोली जिले की मंडल घाटी में अनुसूया माता मंदिर है, जहां से करीब 5 किलो मीटर की दूरी पर अत्रि मुनि आश्रम है जिससे होते हुए ‘अमृत गंगा’ तक पहुंचा जाता है. मान्यता है कि इस गंगा की उत्पति माता अनुसूया ने की थी और भारत वर्ष की यह एकमात्र गंगा है. जिसकी परिक्रमा की जा सकती है. अनुसूया माता मंदिर में दत्तात्रेय जयंती के दिन विशाल मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें भक्त माता के दर्शनों के साथ अमृत गंगा की परिक्रमा करने जरूर जाते हैं. इस दौरान यह पूरा क्षेत्र श्रद्धालुओं से खचाखच भर जाता है.

कथा वाचक और माता अनुसूया के मुख्य पुजारी डॉ प्रदीप पुजारी बताते हैं कि प्रतिवर्ष दत्तात्रेय जयंती के मौके पर अनुसूया माता मंदिर में भक्तों का विशाल जनसैलाब उमड़ता है. इस दौरान भक्तमाता अनुसूया से डेढ़ किलोमीटर आगे है. अत्रि मुनि की तपोस्थली में पहुंचते हैं, जहां माता अनुसूया द्वारा प्रकट की गई अमृत गंगा निरंतर प्रवाहित होती है. बताते हैं कि यह पूरे भारत वर्ष का एकमात्र स्थान है, जहां पर गंगा की परिक्रमा होती है जिसे देखने के लिए यहां श्रद्धालु देश विदेश से पहुंचते हैं.

आनंद और सुकून के लिए है यह जगह बेस्ट!
गोपेश्वर शहर के जानकार अंशु रावत बताते हैं कि अमृत गंगा ट्रैक प्रकृति से रूबरू होने का बेहद खूबसूरत ट्रैक है. कहते हैं कि इस दौरान श्रद्धालु मंदिर में श्रद्धा से तो जाते ही है लेकिन इसके साथ साथ नेचर के काफी नजदीक आ जाता है.

Tags: Chamoli News, Local18

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