“तब आप ही मंत्री थे…”: महिला आरक्षण बिल पर अनुराग ठाकुर का कपिल सिब्बल पर तंज

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (फाइल फोटो)

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने महिला आरक्षण के मुद्दे पर सरकार को घेरा. अब केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसी मुद्दे को लेकर कपिल सिब्बल पर तंज कसा है. अनुराग ठाकुर ने कहा कि बिल के मसौदे के समय कपिल सिब्बल कानून मंत्री थे. इसे पहले 2008 में पेश किया गया था और वह जानते हैं कि तत्कालीन कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए ने कभी भी इस बिल को पारित करने का इरादा नहीं किया था. महिला आरक्षण बिल, जो संसद और अन्य विधायी निकायों में महिला नेताओं को उचित प्रतिनिधित्व देने का प्रयास करता है, उसे बीते दिन संसद के विशेष सत्र के दौरान सदन में पेश किया गया था.

यह भी पढ़ें

अनुराग ठाकुर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस न तो 2010 में सत्ता में थी और न ही महिला नेताओं को आरक्षण देना चाहती थी और न ही अब ऐसा करना चाहती है. इससे पहले, मंगलवार को सिब्बल ने कहा, “वे (भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए) 2024 में महिला आरक्षण बिल से राजनीतिक लाभ लेना चाहते हैं, लोगों को बता रहे हैं कि वे ऐतिहासिक कानून लाए हैं. उन्हें 2014 में ऐसा करना चाहिए था. ऐसा क्या है?” यह ऐतिहासिक है? महिला आरक्षण बिल लागू होने से पहले जनगणना और परिसीमन होगा. यदि जनगणना और परिसीमन नहीं हुआ तो क्या होगा?”

कपिल सिब्बल की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए, अनुराग ठाकुर ने एएनआई को बताया, “वह तब मंत्री थे (2008 में जब यूपीए के तहत इसी तरह का कानून पेश किया गया था). वह जानते थे कि कांग्रेस केवल कानून लाने का नाटक कर रही थी. बिल 2008 में पेश किया गया था और देश में एक साल बाद आम चुनाव हुए. हालांकि, इसे पारित करने के बजाय, मसौदा कानून को स्थायी समिति को भेज दिया गया. उनका (कांग्रेस) तब महिलाओं को आरक्षण देने का इरादा नहीं था और न ही वे अब ऐसा चाहते हैं.” 

बीजेपी नेता ने कहा, “कांग्रेस ने न तो इंदिरा गांधी के नेतृत्व में महिलाओं को आरक्षण दिया और न ही सोनिया गांधी के नेतृत्व में उस दिशा में कोई प्रगति की, न तो (जवाहरलाल) नेहरू जी और न ही राजीव गांधी के नेतृत्व में महिलाओं के लिए कोई आरक्षण था.” केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को नए संसद भवन में लोकसभा की पहली बैठक में बिल को पेश किया. इसका नाम ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ रखा गया.

इस बिल को लोकसभा में पेश करते हुए मंत्री ने कहा, “यह विधेयक महिला सशक्तिकरण के बारे में है. संविधान के अनुच्छेद 239एए में संशोधन करके, दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी. अनुच्छेद 330ए लोक सभा में एससी/एसटी के लिए सीटों के आरक्षण का प्रावधान करता है.”

ये भी पढ़ें : LIVE UPDATES : लोकसभा में नारी शक्तिवंदन अधिनियम पर होगी चर्चा, कई और बिल भी हो सकते हैं पेश

ये भी पढ़ें : बच्चों के लिए यात्रा नियमों में बदलाव से रेलवे ने सात साल में 2,800 करोड़ रुपये अतिरिक्त कमाये

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *