छत्तीसगढ़ के इस स्कूल में अनोखी पहल,पुराने कपड़े से बच्चे बना रहे सजावटी सामान

रामकुमार नायक, रायपुरः स्कूली शिक्षा से ही विद्यार्थियों को रोजगार शिक्षा देने की योजना में छत्तीसगढ़ लगातार आगे बढ़ रहा है. महासमुंद जिले के सरायपाली विकासखंड में शासकीय उच्च प्राथमिक शाला लांती में भी व्यावसायिक पाठ्यक्रम लागू किया गया है. यह व्यावसायिक शिक्षा केवल चयनित स्कूलों में ही दी जा रही है. शासकीय उच्च प्राथमिक शाला लांती में सृजनात्मक रचनात्मक गतिविधियों के अंतर्गत व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बच्चों को ऊन से विभिन्न प्रकार के सजावटी सामग्रियों को बनाना सिखाया जा रहा है.

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लॉकल के सपने को साकार करने के लिए लिए लांती गांव के दीपिका बांक ने नई पहल शुरू की है. जिनके द्वारा स्कूल में पुराने कपड़ों से पैरदान बनाना सिखाया जा रहा है. इसके अलावा बच्चे पूजा थाल ढंकना, दरवाजे का झालर, झूमर, भी बनाना सीख रही हैं.

शासकीय उच्च प्राथमिक शाला लांती के प्रधानपाठक सत्यम स्वरूप पटेल ने बताया कि व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना इसका मुख्य उद्देश्य है. बच्चे इन सामग्रियों का स्कूल में उपयोग करते हुए सामग्री को बाजार तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे.

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पूरे स्कूल का मिल रहा सहयोग
इस प्रकार स्कूल को अतिरिक्त आय भी प्राप्त होगा और बच्चे व्यावसायिक शिक्षा से जुड़कर आने वाले समय में व्यापार व्यवसाय को प्रायोगिक रूप से समझ पाएंगे. बच्चे इस निर्माण कार्य में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं. इसमें स्कूल के शिक्षिका पद्मलया साहू, प्रधान पाठक, सत्यम स्वरूप पटेल, शिक्षक अजय अग्रवाल एवं दुष्यंत पटेल का भी सहयोग मिल रहा है.

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