क्या है सीजनल डिसऑर्डर ? कैसे-कैसे आते हैं बॅाडी में बदलाव

नई दिल्ली :

सीज़नल डिसऑर्डर एक प्रकार की मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जो सीज़न के परिवर्तनों के साथ जुड़ी होती है. इसके लक्षण वार्षिक रूप से दिखाई देते हैं और यह समस्या आमतौर पर शीत ऋतु में अधिक प्रभावित होती है. इसके कारणों में मौसमी परिवर्तन, सूर्य की कम रोशनी, विटामिन डी की कमी, और धूप की कमी शामिल हो सकती है. इसके लक्षणों में अत्यधिक उन्मत्तता, उदासी, और अतिरेकी खानपान शामिल हो सकते हैं. इसका इलाज चिकित्सक द्वारा निर्धारित किया जाता है, जिसमें दवाइयों, प्रकाश चिकित्सा, और थेरेपी का उपयोग किया जा सकता है.

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सीज़नल डिस्ऑर्डर के कारण: सीज़नल डिसऑर्डर के कारणों में मौसम के परिवर्तन, विटामिन डी की कमी, सूर्य की कम रोशनी, और धूप की कमी शामिल हो सकती हैं। इन कारणों से शरीर की बायोलॉजिकल घटनाओं में परिवर्तन होता है, जो मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है.

सीज़नल डिस्ऑर्डर के लक्षण: सीज़नल डिसऑर्डर के लक्षण में अत्यधिक उन्मत्तता, उदासी, अतिरेकी खानपान, नींद की असमानता, और सामान्य सामाजिक संज्ञानात्मक दुविधा शामिल हो सकते हैं. इन लक्षणों को ध्यान में रखकर डॉक्टर से परामर्श करना उचित है.

सीज़नल डिस्ऑर्डर के उपचार: सीज़नल डिसऑर्डर के उपचार में चिकित्सक द्वारा निर्धारित किए जाने वाले उपायों का उपयोग किया जाता है. ये उपाय आमतौर पर दवाइयों, प्रकाश चिकित्सा, और थेरेपी का उपयोग कर सकते हैं. अनुशासन, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और स्वस्थ जीवनशैली के पालन भी सीज़नल डिसऑर्डर के उपचार में मददगार साबित हो सकते हैं. सीज़नल डिस्ऑर्डर का सही इलाज डॉक्टर द्वारा निर्धारित किया जाता है. कुछ सामान्य उपाय हैं जो सीज़नल डिस्ऑर्डर के इलाज में सहायक हो सकते हैं:

लाइट थेरेपी: इसमें विशेष प्रकाश का उपयोग किया जाता है जो रोज़ाना कुछ मिनटों के लिए उपयोगी हो सकता है.

ध्यान और प्राणायाम: नियमित ध्यान और प्राणायाम का अभ्यास करने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है.

दवाइयाँ: डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाइयों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि एंटीडिप्रेसेंट्स या मूड स्थिरकरण दवाएं.

संतुलित आहार: स्वस्थ और पोषण से भरपूर आहार खाना सीज़नल डिस्ऑर्डर के इलाज में मददगार हो सकता है.

व्यायाम: नियमित व्यायाम करना भी मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मददगार हो सकता है.

किसी भी इलाज की शुरुआत से पहले डॉक्टर से परामर्श करना सुरक्षित और उपयुक्त होता है.

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