अर्पित बड़कुल/दमोह. मप्र के दमोह जिले में भी एक से बढ़कर एक साउथ इंडियन खाना बनाने वाले मौजूद हैं, लेकिन आज हम आपको ऐसी दुकान के बारे में बताएंगे, जहां का खाना खाने के लिए भीड़ लगती है. दरअसल जिला मुख्यालय से 56 किलोमीटर दूर तेंदूखेड़ा मे सचिन डोसा के नाम से एक दुकान है. जहां साउंड इंडियन खाना इटली, डोसा,वड़ा आदि ग्राहकों को परोसा जाता है. यहां मिलने वाला डोसा बड़े बड़े रेस्टोरेंट और फेमस डोसा वालों से बिल्कुल अलग है. लोगों के स्वस्थ और फुर्तीला बनाए रखने के लिए सुरेंद्र डोसा बनाने से लेकर ग्राहकों को खिलाने का नया कॉन्सेप्ट लेकर आए हैं.
अधिकांश शहरों, महानगरों की चौपटियों से लेकर बड़े बड़े रेस्टोररेंट में डोसा में सिर्फ आलू की सब्जी और पनीर वाला डोसा लोगों को खिलाया जाता है, जबकि सुरेंद्र के यहां मिलने वाले डोसे का कॉन्सेप्ट बिल्कुल अलग है. यहां तैयार किए जाने वाले डोसे में आलू की सब्जी, पनीर के साथ साथ आपको गाजर भी मिलेगी, जो ना केवल स्वाद को बढ़ाती है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होती है.
इस डोसे को बच्चे, बड़े, बुजुर्ग और महिलाएं बड़े चाव से खाना पसंद करती हैं, क्योंकि इस डोसे मे डलने वाली गाजर हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने से लेकर आंखों की रोशनी बढ़ाने तक का काम करती है. अमूमन कई बच्चे वेजिटेबल खाना पसंद नहीं करते जिनके लिए भी यह डोसा लाभकारी होता है.
ये डोसा आपकी बॉडी को रखेगा फिट एंड फाइन
सुरेंद्र ने बताया कि उनकी ये दुकान करीब 7 से 8 साल पुरानी है. जहां साउथ इंडियन खाने के शौकीन ग्राहकों को महज 30 रुपये में स्पेशल डोसा, 30 रुपये में इडली और फ्राई ड्राइस ग्राहकों को परोसा जाता है. सुरेंद्र का मानना है कि आलू की सब्जी और पनीर वाला डोसा आपको सभी जगह खाने मिल जाएगा, लेकिन हमारे यहां जो डोसा बनाया जाता है उसमें अलग से गाजर डाली जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है.
रोज बिक जाते हैं 100 से 150 डोसा
यहां करीब 100 से 150 डोसा प्रतिदिन बिक जाते हैं. इस डोसे का लुत्फ उठाने आए ग्राहक अभिषेक जैन ने बताया कि वो करीब 2 से 3 साल से यहां डोसा खा रहे हैं. यहां जो नए कॉन्सेप्ट से डोसा तैयार होता है, वैसा आपको और कही नहीं मिलेगा, जो स्वाद में बेहद स्वादिष्ट और आज की पीढ़ी के लिए लाभकारी भी है.
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FIRST PUBLISHED : January 11, 2024, 13:39 IST