किसान पिता की 6 बेटियां, 2 ने पिता को मनायाा और शादी से कर दिया इनकार, दोनों बनीं दारोगा, कायम की मिसाल

पटना/बांका. बिहार के बांका की दो बहनें ने अपनी मेहनत और जज्बे की बदौलत बिहार पुलिस में दारोगा बनकर एक मिसाल पेश की है, वहीं पुरुष प्रधान समाज की मानसिकता को चुनौती भी दे चुकी हैं. बात बांका जिले के अमरपुर बाजार की पूजा और खुशबू की हो रही है. इन दोनों ने न केवल अपने हौसले की ताकत से उपलब्धि हासिल की बल्कि अपने कर्तव्यों से समाज में सकारात्मक मिसाल भी पेश की है.

अमरपुर निवासी स्वर्गीय गिरिधर प्रसाद भगत की केवल छह पुत्रियां ही थीं. समय के साथ इन्होंने अपनी तीन बड़ी बेटियों की शादी कर दी और बाकी तीन कि शादी की सोच बना ही रहे थे. इन तीनों में दो बेटियों, पूजा और खुशबू ने अपने पिता को शादी के प्रयास से रोकते हुए आगे कुछ करने को लेकर वचन दिया और अपना मुकाम हासिल करने के प्रयास में लग गईं.

खुशबू इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने चेन्नई गईं तो वहीं पूजा बीसीए की पढ़ाई के लिए पटना निकल गईं. दोनों की पढ़ाई के लिये दूसरे शहरों में जाने को लेकर सामाजिक रूप से कुछ तंज भी कसा जाता रहा, लेकिन दोनों बहनें अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होकर अपने अध्यन में लगी रहीं.

दोनों बहनों ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली पुलिस में सफल हुई बावजूद अपने राज्य पुलिस की वर्दी पहने की चाहत थी, जिसे पूरा करने के उद्देश्य से 2019 में दोनों बहनें एक साथ दरोगा पद पर अंतिम रूप से चयनित होकर एक मिसाल कायम की. फिलहाल दोनों बहनें राज्य की राजधानी पटना के दो अलग-अलग थाने में तैनात हैं.

इसी बीच कोविड की पहली लहर के दौरान पिता गिरधर प्रसाद भगत की हृदय गति रुकने से मौत हो गई जो परिवार के सदस्यों के लिये बहुत बड़ा आघात था. लेकिन, दोनों दारोगा बहनें सहित सभी बहनों ने पिता की अर्थी को कंधा दिया और साथ ही पूजा ने ही सारे श्राद्ध कर्म किए. यही नहीं श्राद्ध कर्म के दौरान पूजा ने सिर मुंडन भी करवाया था.

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