कभी दिव्यांग होने के कारण स्कूल में नहीं मिला था एडमिशन, आज सब कर रहे सलाम, सरकार दे रही प्रेरणास्रोत पुरस्कार

विशाल भटनागर/मेरठ:अगर आप में आत्मविश्वास है तो आप कठिन से कठिन परिस्थितियों को भी पार करते हुए एक नया इतिहास रच सकते हैं. कुछ इसी तरह का इतिहास मेरठ के बलवंत नगर में रहने वाले आयुष में पीयूष गोयल द्वारा भी रचा गया है. जिन्होंने सेरेब्रल पांल्सी नामक गंभीर बीमारी को भी टक्कर देते हुए समाज सेवा का रास्ता चुना. अब दोनों भाई युवाओं के लिए प्रेरणा बने हुए हैं. इसी समाज सेवा को देखते हुए अब उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पीयूष गोयल को भी उत्तर प्रदेश दिव्यांग श्रेणी में प्रेरणास्रोत राज्य पुरस्कार से 3 दिसंबर को सम्मानित किया जाएगा.

आयुष और पीयूष गोयल दोनों ही भाइयों ने पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष मुहिम छेड़ी है. स्कूल कॉलेज एवं अन्य स्थानों पर समाज के लोगों को पर्यावरण के प्रति हमेशा जागरुक करते रहते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गत वर्ष आयुष गोयल को तो उत्तर प्रदेश सरकार प्रेरणा स्रोत राज्य सम्मान दिव्यांग श्रेणी में सम्मानित किया गया था. लेकिन पीयूष का नाम तब नहीं आया था. इस बार पीयूष को भी यह सम्मान दिया जा रहा है.

परिवार के साथ से मिली सपनों को उड़ान

पीयूष गोयल बताते हैं सेरेब्रल पांल्सी नामक गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने के बावजूद भी उनके माता-पिता ने उनका भरपूर सहयोग किया. समाज सेवा सहित अन्य कार्यों में हर जगह के साथ जाते हैं. उनकी बदौलत आज उन्होंने यह पुरस्कार हासिल किया है. यही नहीं उनकी मां सुधा व पिता आरके गोयल बताते हैं कि जब दोनों का जन्म हुआ था. तो सिर्फ वह 900-900 ग्राम के थे. इसके बाद काफी इलाज चला. जब दोनों भाई 3 साल के थे तो पता चला कि दोनों भाई सेरेब्रल पाल्सी नामक असाध्य रोग से ग्रसित हैं. इस कारण उठने, बैठने, चलने, पेंसिल पकड़ने में दिक्कत होती थी. उसके बाद सही इनका लगातार इलाज जारी है.

स्कूल में नहीं मिला था एडमिशन

पीयूष के जीवन में कभी ऐसा भी दौर था.जब उन्हें स्कूल में एडमिशन भी नहीं मिला था. बच्चे उनकी हंसी उड़ाते थे. लेकिन वर्तमान समय में उन्होंने बीएड में भी सफलता हासिल कर ली है. वह कहते हैं कि उनके जीवन में सबसे बड़ा बदलाव मेरठ में तत्कालीन कमिश्नर आलोक सिन्हा द्वारा लाया गया था. जब उन्होंने दोनों युवाओं को समाज सेवा के माध्यम से विशेष पहचान बनाने के लिए कहा. उसके बाद से ही वह समाज सेवा के प्रति जुड़ गए. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरीके से दिव्यांगों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया. उस इन दोनों युवाओं के हौसलों को और उड़ान मिली. दोनों भाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना प्रेरणा स्रोत मानते हैं.

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