कोलकाता : ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ (One Nation One Election) को लेकर नई दिल्ली में सोमवार को उच्च स्तरीय बैठक होगी. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली समिति राजनीतिक दलों से इस बारे में विचार विमर्श करेगी. बैठक में शामिल होने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी दिल्ली पहुंच रही हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि देश में ऐसी कोई भी व्यवस्था नहीं होनी चाहिए. यह संविधान के बुनियादी मूल्यों के खिलाफ है.
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली समिति को मौजूदा संवैधानिक ढांचे को ध्यान में रखते हुए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगरपालिकाओं और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने की गुंजाइश का पता लगाने के लिए कहा गया है. समिति अपनी सिफारिशें सरकार और चुनाव आयोग को सौंपेगी, जिस पर आगे फैसला लिया जाएगा. अक्तूबर में समिति की दूसरी बैठक हुई थी, 22वें विधि आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा की गई. रिपोर्ट में विधि आयोग ने एक राष्ट्र-एक चुनाव का रोडमैप पेश किया था. इसी पर अब तीसरी बैठक सोमवार को दिल्ली में होने जा रही है, जिसमें प्रमुख राजनीतिक दलों को सुझाव देने के लिए बुलाया गया है.
‘एक साथ चुनाव’ की अवधारणा ठीक नहीं
ममता बनर्जी ने कहा, केंद्र सरकार ने एक विशेषज्ञ समिति बनाई है और उस पर मेरी राय मांगी है. मैं एक दिन के लिए दिल्ली जाऊंगी, लेकिन राजनीति के लिए नहीं। पांच फरवरी की शाम को मैं दिल्ली जाऊंगी और छह फरवरी को दोपहर में समिति की बैठक में हिस्सा लेने के बाद लौट आऊंगी. ‘एक साथ चुनाव’ की अवधारणा से असहमति जताते हुए ममता बनर्जी ने पिछले महीने उच्च-स्तरीय समिति को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह भारत की संवैधानिक व्यवस्था की बुनियादी संरचना के खिलाफ होगा.
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FIRST PUBLISHED : February 5, 2024, 01:36 IST