इस तकनीक से बिहार का यह किसान साल में तीन बार उगाता है गोभी! इतनी है सलाना कमाई

गौरव सिंह/भोजपुर : खेती का तरीका अब काफी बदल गया है. किसान अब स्मार्ट तरीके से खेती कर कम समय में काफी मुनाफा कमा रहें हैं. बिहार के आरा में ड्रिफ्ट इरिगेशन के माध्यम से एक किसान मौसम के विपरीत फूलगोभी और पत्ता गोभी की खेती कर रहा हैं. बेमौसम खेती करने के लिए किसान पॉलीहाउस और ड्रिफ्ट इरिगेशन की मदद ले रहा, ताकि समय से पहले हाइब्रिड गोभी को तैयार किया जा सके. इस तकनीक से हर साल लगभग 10 से 12 लाख का मुनाफा कमाता है.

पानी, समय और पैसे की बचत

गड़हनी प्रखंड के भेडरी गांव में किसान शिया राम मौर्या एक युवा किसान हैं, जो कि हाइब्रिड गोभी की बड़े लेवल पर खेती किये हैं. हाइब्रिड गोभी की खासियत है कि ये साइज में बहुत सामान्य गोभी से बड़ी होती है. हाइड्रोपोनिक तरीका से गोभी की खेती करने से उसके अनुकूल वातावरण दिया जा सकता है. साथ ही ड्रिफ्ट इरिगेशन से उसका पटवन किया जाता है. इसकी वजह से पानी, समय और पैसे की बचत होती है. साथ ही भरपूर मात्रा में हाइब्रिड गोभी को जड़ से ले कर ऊपरी भाग तक पानी चाहिए होता है, जो की आसानी से मिल जाता है.

परंपरागत खेती से विपरीत खेती करने की है आदत

किसान शिया राम मौर्या उच्च स्तर का शिक्षा ग्रहण कर प्रोफेशनल तौर पर किसानी करते है. इनकी आदत परंपरागत खेती से विपरीत खेती करने की है. करोड़ों रुपया लगा हाइड्रोपोनिक प्लांट बना चुके हैं. इनके द्वारा इटैलियन तुलसी, पुदीना, चेरी टमाटर विभिन्न तरह के फसल उगाए जाते हैं और अब इनके द्वारा कम समय में मात्र 40 दिन में गोभी उगाने का प्लान तैयार कर खेती की गई है. इसके पूर्व में भी ये हाइब्रिड गोभी की सफल खेती कर चुके हैं. इस बार दुबारा एक एकड़ से ज्यादा खेत में हाइब्रिड गोभी की खेती की है.

ड्रिफ्ट इरिगेशन के माध्यम से खेती में कई गुणा होता है मुनाफा

गोभी खेती करने वाले किसान की माने तो ड्रिफ्ट इरिगेशन करने से एक बीघा खेती करने में 5 हजार पीस गोभी लगाया गया है. जिसके बीज की कीमत सिर्फ एक हजार रुपया है. खाद पानी मे लगभग 5 हजार का खर्च आयगा. गोभी तैयार होने के बाद कम से कम 40 रुपया प्रति पीस गोभी बेचा जायगा. जिसका अनुमानित लाभ एक बीघा के खेती में 2 लाख रुपया का फायदा होगा.

ड्रिफ्ट इरिगेशन के लिए पूरे खेत में पाइप का चैन बिछाया गया है. पाइप के समीप ही गोभी लगाई गयी है. जिसकी वजह से पाइप से निकलने वाला फवारा गोभी के जड़ और पत्ते पर पड़ता है. पाइप में पानी समर सेबुल मोटर से दिया जाता है. एक साल में तीन सीजन गोभी की खेती यहां की जाती है. सीजन से पहले गोभी मार्केट में चली जाती है. जिसके वजह से मनचाहा दर मिल जाता है. हाइब्रिड होने के वजह से ज्यादा डिमांड होती है.

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