भोपाल. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Election 2023) के लिए वोटिंग हो चुकी है. अब 3 दिसंबर को काउंटिंग होगी. तब तक प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया है. किसकी किस्मत चमकेगी या फूटेगी, यह तभी पता चलेगा.
प्रत्याशी भी जीत-हार के दावों से परेशान हैं. फुरसत के इन क्षणों में कोई मंदिर जा रहा है तो कोई कूल होने के लिए पर्यटन पर है. कुछ तो फोन लगा-लगा कर समीक्षा में व्यस्त हैं. कुछ ऐसे ही रोचक किस्से इस बार न्यूज18 हिंदी के खास कॉलम ‘अनकही राजनीति!’ में पढ़िए…
पहली बार रिजल्ट को लेकर टेंशन में विधायक मैडम
पूर्व मुख्यमंत्री की बहू और विधायक मैडम इस बार टेंशन में है. टेंशन की वजह है मैडम के पास उनके इलाके से पहुंच रहा निगेटिव फीडबैक. मैडम को पता चल रहा है कि उनकी स्थिति ठीक नहीं है और नतीजे उनकी आशा के विपरीत भी आ सकते हैं. उनके क्षेत्र में लोग उनकी कम सक्रियता की वजह से जबरदस्त आक्रोश में हैं. जबकि मैडम जिस सीट से चुनाव लड़ रहीं हैं वो भाजपा की प्रदेश की सबसे सुरक्षित सीट में से एक है. यहां से मैडम के ससुर नौ बार विधायक रहे. इसके बाद मैडम खुद विधायक बनी. यहां कभी कांग्रेस नहीं जीती है. इसी ओवरकांफिडेंस के कारण मैडम ने प्रचार-प्रसार में भी ज्यादा सक्रियता नहीं दिखाई. अब मैडम को डर लग रहा है कि यदि वे चुनाव हारी तो उनकी राजनीति की नैया डूब जाएगी.
पूर्व मंत्री की हसरत रह गई अधूरी
मालवा की कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की हसरत अधूरी रह गई है. यह मैडम मोदी से मुलाकात कर लोकसभा चुनाव में टिकट की गारंटी चाह रही थीं. दरअसल मैडम की विधानसभा टिकट इस बार भाजपा ने काटकर उनके एक रिश्तेदार को दे दी. इस पर मैडम नाराज हो गईं और निर्दलीय चुनाव में कूदने का ऐलान कर दिया. नाराजगी शांत करने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इनसे मुलाकात की. लेकिन मैडम ने जिद पकड़ ली कि वे मोदी से ही मुलाकात करेंगी. जब मोदी इनकी विधानसभा में प्रचार करने आए तो जोड़-तोड़ कर मंच संचालन के बहाने मंच पर पहुंच गई. लेकिन जैसे ही मोदी मंच पर आए सुरक्षाकर्मियों ने इन्हें वहां से उतार दिया. इसके बाद मैडम की मुलाकात नहीं हो सकी.
केन्द्रीय मंत्री के बेटे ने कराई केन्द्र सरकार की किरकिरी
केन्द्रीय मंत्री के बेटे ने अपने पिता समेत पूरी केन्द्र सरकार की किरकिरी करा दी है. करीब चालीस साल की राजनीति में उनके पिता पर कभी दाग नहीं लगा. लेकिन बेटे के कारण अब पिता सफाई भी नहीं दे पा रहे हैं. दरअसल केन्द्रीय मंत्री के बेटे के एक के बाद एक करके अब तक पांच वीडियो वायरल हो चुके हैं. इसमें वो सौ से लेकर दस हजार करोड़ रुपए तक की लेनदेन की बात करता नजर आ रहा है. दिलचस्प बात यह है कि वीडियो भी उसने लीक कर दिए जो केन्द्रीय मंत्री के बेटे से बातचीत करता नजर आ रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करीब साढ़े नौ साल के कार्यकाल में यह पहली बार है जब किसी केन्द्रीय मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं. ऐसे में लोगों की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि बेटे के कारण केन्द्रीय मंत्री पर मोदी क्या कार्रवाई करते हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री तैयार कर रहे हैं अधिकारियों की सूची
पूर्व मुख्यमंत्री का प्रदेश के कुछ अधिकारी-कर्मचारियों की कार्यशैली को लेकर गुस्सा सातवें आसमान पर है. उनका मानना है कि कुछ अधिकारी-कर्मचारियों ने भाजपा के बूथ एजेंट की तरह चुनाव में काम किया है. वोटिंग होने के बाद अब 3 दिसंबर को नतीजे आने है. इस बीच के खाली वक्त में वे ऐसे अधिकारी-कर्मचारियों की सूची तैयार करने में जुट गए हैं जिन्होंने भाजपा कार्यकर्ता बनकर काम किया है. उन्होंने अपनी पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों से भी ऐसे अधिकारियों के नाम मांगे हैं. ताकि सरकार बनने के बाद इनके खिलाफ वे कार्रवाई कर सकें. सरकार आ गई तो ठीक लेकिन यदि सरकार नहीं आई तो यह सूची किसी फाइल में दबकर रह जाएगी.
दो भाईयों की लड़ाई में बागी को फायदा
नर्मदा नदी के नाम पर बसे जिले की एक विधानसभा में मुकाबला बेहद रोचक हो गया है. यहां से कांग्रेस-भाजपा ने दो सगे भाईयों की प्रत्याशी बनाया है. लग रहा था कि कोई भी जीते विधायकी तो घर में ही रहेगी. लेकिन एक नेता जी ने भाजपा से बागी होकर निर्दलीय के तौर पर मैदान में ताल ठोक दी है. ऐसे में दोनों भाईयों के समीकरण बिगाड़ दिए हैं. दोनों भाईयों के परिवार से नाराज लोगों समेत कांग्रेस-भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं ने भी निर्दलीय को सर्मथन दे दिया है. अब दोनों भाई टेंशन में आ गए हैं. सभी को 3 दिसंबर को होने वाली काउंटिंग का बेसब्री से इंतजार है.
समधी-समधन में किसकी होगी जीत
ग्वालियर संभाग की एक विधानसभा सीट से एक बार फिर समधी-समधन के बीच कड़ा मुकाबला है. पिछली बार समधी ने समधन को हरा दिया था. इसके बाद समधन ने जमकर बवाल काटा था. खुद की पार्टी के एक कद्दावर मंत्री पर हरवाने का ठीकरा फोड़ते हुए शिकायत आलाकमान तक कर दी थी. ऐसे में लोगों की निगाहें इस बार फिर इस सीट पर लगी हुई है. यदि इस बार भी समधन नहीं जीती तो उनकी राजनीति भी लगभग समाप्त हो जाएगी. ऐसे में इस बार हार का ठीकरा किस पर फूटेगा. यह तो मतगणना के बाद ही तय हो सकेगा.
.
Tags: Madhya Pradesh Assembly Elections 2023, MP BJP, MP Congress, MP News Today
FIRST PUBLISHED : November 21, 2023, 14:10 IST