स्कूली किताबों में “इंडिया” की जगह लिखा जाएगा “भारत”? जानें NCERT ने क्या कहा

स्कूली किताबों में

एनसीईआरटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप स्कूली सिलेबस में बदलाव कर रहा है.

नई दिल्ली:

नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) की किताबों में जल्द ही इंडिया की जगह भारत लिखा नजर आ सकता है. NCERT अपने सिलेबस में नई शिक्षा नीति के तहत बदलाव कर रहा है. इसके लिए 19 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई थी. इस कमेटी ने ही देश का नाम इंडिया के बजाय भारत लिखने का सुझाव दिया है. साथ ही सिलेबस से प्राचीन इतिहास को हटाकर क्लासिकल हिस्ट्री को और हिंदू योद्धाओं की जीत की कहानियों को शामिल करने की सिफारिश की है. हालांकि, एनसीईआरटी के अध्यक्ष दिनेश सकलानी ने कहा कि समिति की सिफारिशों पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

यह भी पढ़ें

पढ़ाई का बोझ कम करने की कवायद, NCERT ने 10वीं के सिलेबस से हटाई पीरियोडिक टेबल

कमेटी के अध्यक्ष सीआई आईजैक ने 25 अक्टूबर को बताया कि भारत का जिक्र विष्णु पुराण जैसे ग्रंथों में है, जो 7 हजार साल पुराने हैं. इंडिया नाम आमतौर पर ईस्ट इंडिया कंपनी और 1757 के प्लासी के युद्ध के बाद इस्तेमाल होना शुरू हुआ. ऐसे में देश के लिए भारत नाम का ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

आईजैक ने NCERT के सिलेबस में क्लासिकल हिस्ट्री शामिल करने के पीछे तर्क दिया- ‘अंग्रेजों ने भारतीय इतिहास को प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक में बांट दिया. प्राचीन इतिहास बताता है कि देश अंधेरे में था, उसमें वैज्ञानिक जागरूकता नहीं थी. हमारा सुझाव है कि बच्चों को मध्यकाल और आधुनिक इतिहास के साथ-साथ क्लासिकल हिस्ट्री भी पढ़ाई जानी चाहिए.’

“खालिस्तान”, “सिखों के लिए अलग देश” को NCERT ने 12वीं की पॉलिटिकल साइंस की किताब से हटाया

उन्होंने कहा कि कमेटी ने सिलेबस में विभिन्न संघर्षों में “हिंदू विजय गाथाओं” पर जोर देने के लिए कहा है. आईजैक ने कहा, “सिलेबस में हमारी विफलताओं का उल्लेख किया गया है, लेकिन मुगलों और सुल्तानों पर हमारी विजयों का नहीं.”

एनसीईआरटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप स्कूली सिलेबस में बदलाव कर रहा है. परिषद ने हाल ही में इन कक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकों और शिक्षण सामग्री को अंतिम रूप देने के लिए 19 सदस्यीय राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शिक्षण सामग्री समिति (एनएसटीसी) का गठन किया था.

इस कमेटी के अन्य सदस्यों में आईसीएचआर के अध्यक्ष रघुवेंद्र तंवर, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की प्रोफेसर वंदना मिश्र, डेक्कन कॉलेज डीम्ड विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति वसंत शिंदे और हरियाणा के एक सरकारी स्कूल में समाजशास्त्र पढ़ाने वाली ममता यादव शामिल हैं.

भारत नाम पहली बार आधिकारिक तौर पर तब सामने आया जब सरकार ने हाल में नयी दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ के बजाय “प्रेसिडेंट ऑफ भारत” के नाम से निमंत्रण भेजा था.

सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नाम पट्टिका पर भी इंडिया के बजाय ‘भारत’ लिखा गया. आइजक ने कहा कि समिति ने पाठ्यपुस्तकों में विभिन्न लड़ाइयों में “हिंदुओं की विजयों” पर प्रकाश डालने के लिए कहा है.

 

सीबीएसई ने 12वीं तक भारतीय भाषाओं में शिक्षा के लिए स्कूलों को भेजा पत्र

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *