Published: Sep 26, 2022 06:18:12 pm
पूर्व में काशी महाराजा उदित नारायण सिंह के शासन काल के समय 1793 में महाराजा को एक स्वप्न आया की मां काली दक्षिणेश्वर की मूर्ति गंगा के बीच धारा में पड़ा हुआ है। महाराजा ने उसको निकलवा कर चकिया में विशाल मंदिर बनवा कर माता रानी की स्थापना करवाया गया । दाहिने तरफ में माता महालक्ष्मी बाए तरफ में मां सरस्वती को विराजमान किया गया।
माता काली
चंदौली : आज से शारदीय नवरात्र प्रारम्भ हो गया । चारों तरफ मां जगत जननी पूजा आराधना शुरू हो गई । आज माता के नौ रूपों में प्रथम दिन मां शैलपुत्री का पूजन का प्रावधान है। माता के मंदिरो में सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखी जा रही है । जिले के चकिया में स्थित शक्तिपीठ मां काली मंदिर में भी श्रद्धा का संगम देखने को मिल रहा है । हजारों की तादात में चकिया समेत पूर्वी बिहार, मिर्ज़ापुर, और दूर-दराज से श्रद्धालु मां के दरबार में हाजिरी लगाने के साथ ही माथा टेक मनौती पूरी करने के लिए आ रहे है।