सनातन धर्म पर अमर्यादित बयान देकर बुरे फंसे ए राजा और प्रियांक मल्लिकार्जुन खड़गे, परिवाद दायर

प्रियांक सौरभ/मुजफ्फरपुर. सनातन धर्म (Sanatan Dharm) को कुष्ठ रोग और एचआईवी बीमारी बताने वाले द्रमुक के सांसद सह उपमहासचिव ए राजा और कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक मल्लिकार्जुन खड़गे पर मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट में एक परिवाद दायर किया गया है. इस परिवाद को मुजफ्फरपुर के अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने दर्ज कराया है जिस पर सीजेएम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 16 सितंबर की तिथि मुकर्रर की है. कानून के जानकारों के अनुसार, अगर इस मामले में दोष सिद्ध हो जाता है तो 1 साल से तीन साल तक की सजा हो सकती है.

अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने दर्ज परिवाद में कहा कि तामिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन (MK Stalin) के बेटे व राज्य सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) के विवादित बयान के बाद अब द्रमुक उपमहासचिव व सांसद ए राजा ने अपने बयान में कहा कि सनातन धर्म कुष्ठ रोग और एचआईवी बीमारी की तरह है, जो सामाजिक कलंक है. इसी को लेकर इन दोनों आरोपियों पर धारा 504, 500, 295, 295(ए), 153,153(ए)120(बी) भादवि के तहत दर्ज किया गया है.

बेगूसराय में दायर हुआ परिवाद
बता दें कि सनातन धर्म पर उदयनिधि स्टालिन के विवादित बयान पर राजनीतिक घमासान छिड़ा हुआ है. इसको लेकर उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ बेगूसराय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में भी परिवाद पत्र दायर किया गया है. कोर्ट में शुक्रवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता सह अधिवक्ता अमरेंद्र कुमार अमर ने परिवाद पत्र दायर किया है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. ये परिवाद अधिवक्ता अमरेंद्र कुमार अमर ने दायर किया है.

जान बूझकर बयान देने का लगाया आरोप
अधिवक्ता अमरेंद्र कुमार अमर ने आरोप लगाया है कि उदयनिधि ने सोची समझी साजिश के तहत बीते दो सितंबर को चेन्नई में सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की थी. उदयनिधि ने कहा था कि सनातन धर्म का विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि इसको पूरी तरह खत्म कर देना चाहिए. इस बयान से उदयनिधि ने हिन्दू धर्म के करोड़ों लोगों को अपमान करने का काम किया है. इससे सभी हिन्दू धर्म के लोग अपमानित महसूस कर रहे हैं और उनकी भावना को ठेस पहुंची है. वहीं, कोर्ट ने परिवाद पत्र को स्वीकार कर लिया है और इस मामले में आगे सुनवाई करेगी.

उदयनिधि स्टालिन ने दिया था ये बयान
बता दें कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और डीएमके सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू मलेरिया से की थी. दो सितंबर को चेन्नई में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उदयनिधि ने कहा, कुछ चीजें हैं, जिन्हें हमें खत्म करना है और हम सिर्फ विरोध नहीं कर सकते. मच्छर, डेंगू, कोरोना और मलेरिया ऐसी चीजें हैं, जिनका हम विरोध नहीं कर सकते. हमें उन्हें खत्म करना है. सनातनम (सनातन धर्म) भी ऐसा ही है. सनातन का विरोध नहीं, बल्कि उन्मूलन करना हमारा पहला काम है. इस बयान के बाद पूरे देश में राजनीति गरमा गई है.

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