मंदिर के पुजारी शेषराम बताते हैं कि यहीं के रहने वाले एक प्राचीन संत ने यहां पर ईश्वर की आराधना करते-करते अपने शरीर को त्याग दिया था और तब से आज तक इस मंदिर में दूर-दूर से लोग लोदी बाबा धाम के दर्शन करने आते हैं.
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मंदिर के पुजारी शेषराम बताते हैं कि यहीं के रहने वाले एक प्राचीन संत ने यहां पर ईश्वर की आराधना करते-करते अपने शरीर को त्याग दिया था और तब से आज तक इस मंदिर में दूर-दूर से लोग लोदी बाबा धाम के दर्शन करने आते हैं.
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