विस्तार के विलय पर विदेशी प्रतिस्पर्धा नियामकों की मंजूरी लेने की कोशिश जारीः Air India प्रमुख

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सीसीआई ने एयर इंडिया और विस्तार के प्रस्तावित विलय को कुछ शर्तों के साथ एक सितंबर को मंजूरी दे दी थी। विस्तार और एयर इंडिया टाटा समूह की पूर्ण-सेवा वाली एयरलाइंस हैं। विस्तार में सिंगापुर एयरलाइंस की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

मुंबई। एयर इंडिया के प्रमुख कैंपबेल विल्सन ने कहा कि विस्तार एयरलाइन के विलय के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की मंजूरी मिलने के बाद कंपनी इस सौदे पर सिंगापुर एवं अन्य क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा नियामकों से अनुमोदन प्राप्त करने के लिए काम कर रही है।
टाटा समूह अपनी चार एयरलाइंस को विलय के जरिये दो एयरलाइन में एकीकृत करने की प्रक्रिया में है। टाटा समूह ने पिछले साल जनवरी में घाटे में चल रही एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस का सरकार से अधिग्रहण किया था।

कैंपबेल ने शुक्रवार को कर्मचारियों को प्रेषित अपने साप्ताहिक संदेश में कहा कि एयर इंडिया के साथ विस्तारा के नियोजित विलय को सीसीआई की मंजूरी ‘‘टाटा की चार एयरलाइंस को दो एयरलाइन में एकीकृत करने की दिशा में एक स्वागत योग्य और महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि अभी कुछ और काम भी किए जाने हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसे अंतिम रूप देने से पहले हमें सिंगापुर सहित कुछ अन्य न्यायक्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा नियामकों से भी अनुमोदन की जरूरत है। हम इस दिशा में काम कर रहे हैं।’’
कैंपबेल ने कहा कि इस बीच, ‘‘हम एक ऐसे एकीकरण की योजना बना रहे हैं जो हमारे भावी एयरलाइन समूह को अधिक मजबूत बनाएगा।’’

सीसीआई ने एयर इंडिया और विस्तार के प्रस्तावित विलय को कुछ शर्तों के साथ एक सितंबर को मंजूरी दे दी थी।
विस्तार और एयर इंडिया टाटा समूह की पूर्ण-सेवा वाली एयरलाइंस हैं। विस्तार में सिंगापुर एयरलाइंस की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
टाटा समूह ने पिछले साल नवंबर में एक सौदे के तहत एयर इंडिया के साथ विस्तार के विलय की घोषणा की, जिसमें सिंगापुर एयरलाइंस भी एयर इंडिया में 25.1 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी।
प्रस्तावित विलय के लिए सीसीआई से इस साल अप्रैल में मंजूरी मांगी गई थी। इसमें टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल), एयर इंडिया लिमिटेड, टाटा एसआईए एयरलाइंस लिमिटेड (टीएसएएल) और सिंगापुर एयरलाइंस लिमिटेड पक्ष बने हैं।
इस सौदे के बाद एयर इंडिया देश की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन और दूसरी बड़ी घरेलू एयरलाइन बन जाएगी।

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