विवाद पैदा नहीं करना चाहता लेकिन…अपनी उड़ान के लिए ‘मंजूरी’ पर गृह मंत्रालय के बयान पर गहलोत ने दिया जवाब

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मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सुबह उड़ान के लिए अनुमति मांगी गई थी, लेकिन असुविधा के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद उन्हें शाम को मंजूरी दी गई।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को गृह मंत्रालय को एक बयान जारी करने के बाद जवाब दिया, जिसमें कहा गया था कि उसने चल रहे जी 20 शिखर सम्मेलन के कारण मुख्यमंत्रियों या राज्यपालों की किसी भी उड़ान पर रोक नहीं लगाई है। एक्स पर एक पोस्ट में गहलोत ने हिंदी में लिखा कि कल मेरी योजना उदयपुर से जयपुर हवाई जहाज से और जयपुर से सीकर और सीकर से निवाई हेलीकॉप्टर से जाने की थी। इसके लिए हेलीकॉप्टर को पहले ही उदयपुर से जयपुर पहुंचना था, लेकिन कहा गया कि जी-20 के प्रोटोकॉल के कारण हेलीकॉप्टर या विमान तभी यात्रा कर सकता है, जब सीएम खुद उसमें सवार हों।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि सुबह उड़ान के लिए अनुमति मांगी गई थी, लेकिन असुविधा के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के बाद उन्हें शाम को मंजूरी दी गई।  सुबह 10.48 बजे ईमेल के जरिए हेलीकॉप्टर उड़ाने की इजाजत मांगी गई, लेकिन दोपहर 2.50 बजे तक इजाजत नहीं मिली। मैंने दोपहर 2.52 बजे ट्वीट कर लोगों को न आ पाने का कारण बताया और सांगलिया पीठ में श्री ओम दास महाराज को भी फोन कर जानकारी दी। गहलोत ने कहा कि इसके बाद दोपहर 3.58 बजे अनुमति मिली, लेकिन तब तक मैं हवाई जहाज से उदयपुर से जयपुर के लिए रवाना हो चुका था और जयपुर पहुंचने के बाद मुझे सड़क मार्ग से मंजूरी दे दी गई।  

उन्होंने कहा कि मैं जी-20 के नाम पर कोई विवाद खड़ा नहीं करना चाहता था, इसलिए इसकी निंदा नहीं की और केवल जनता को तथ्यों से अवगत कराया। लेकिन अब मुझे दुख है कि गृह मंत्रालय ने गलत जानकारी देकर जनता के बीच भ्रम फैलाने का असफल प्रयास किया है।  पहले एक्स पर एक पोस्ट में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा था कि राजस्थान के सीएम के किसी भी अनुरोध को अस्वीकार नहीं किया गया था और उड़ान अनुमति के संबंध में उनसे प्राप्त सभी चार अनुरोधों को मंजूरी दे दी गई थी। 

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