विलुप्ति की कगार पर पहुंची इस जीव की संख्या, टाइगर रिजर्व कर रही संरक्षण के प्रयास

सृजित अवस्थी/पीलीभीत: पीलीभीत टाइगर रिजर्व, जो वैश्विक बाघ संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है, नहीं सिर्फ बाघों के लिए बल्कि कुछ अन्य वन्यजीवों के लिए भी अहम है. इस क्षेत्र में गिद्धों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है, और ऐसे वन्यजीवों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है, जिनकी प्रजातियां लुप्त होने की कगार पर हैं.

पीलीभीत तराई क्षेत्र का जिला है और यह शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है. यहां का आबोहवा वन्यजीवों के लिए बहुत अनुकूल है, लेकिन टाइगर रिजर्व के घोषणा के बाद से ही इस क्षेत्र के वनों और वन्यजीवों के संरक्षण पर अधिक जोर दिया गया है. इस संरक्षण कार्य का सफलता दर्जनों पुरस्कारों के साथ बताया जा रहा है.

गिद्धों की संख्या में वृद्धि
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बाराही और हरिपुर रेंज में गिद्धों की सबसे अधिक संख्या होती है. अगर एक्सपर्ट्स की मानें तो तीन दशक पहले पीलीभीत के जंगलों में हजारों गिद्ध पाए जाते थे, लेकिन इसके बाद इनकी संख्या कम हो गई. हालांकि बीते कुछ सालों में इनकी संख्या में वृद्धि हो रही है और अब इनकी संख्या 200 से 250 के बीच होने की उम्मीद है.

पीटीआर में 7 प्रकार के गिद्ध
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के बाराही और हरिपुर रेंज में सबसे अधिक गिद्धों को देखा जाता है. अगर जानकारों की मानें तो आज से तक़रीबन तीन दशक पहले पीलीभीत के जंगलों में हज़ारों की संख्या में गिद्ध पाए जाते थे. समय के साथ ही साथ यह संख्या तेज़ी से घटने लगी लेकिन बीते कुछ सालों में संरक्षण के चलते हर साल गिद्धों की संख्या में इजाफा हो रहा है. पीटीआर में तकरीबन 7 प्रकार के गिद्ध पाए जाते हैं, जिनमें से 4 पीलीभीत की स्थानीय प्रजातियां हैं.

वन्यजीवों के संरक्षण के कार्य
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने बताया कि इन परियोजनाओं के बीच बाघों के साथ ही इस क्षेत्र में तमाम अन्य वन्यजीवों के संरक्षण की दिशा में कार्य किया जा रहा है. गिद्धों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है, जो कुनबा कुछ समय पहले तक दर्जनों की गिनती में था.

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