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देश में वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर कवायद शुरू हो गई है, लेकिन प्रदेश में बीते सात-आठ साल में विधानसभा, पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव की एक मतदाता सूची बनाने का काम भी परवान नहीं चढ़ सका।
जानकार बताते हैं कि करीब एक दशक पहले विधानसभा, पंचायत चुनाव और निकाय चुनाव की एक मतदाता सूची तैयार करने की चर्चा शुरू हुई थी। भारत निर्वाचन आयोग को प्रस्ताव भी भेजा गया था। मुजफ्फरनगर की खतौली और बाराबंकी को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया।
इसमें मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राज्य निर्वाचन आयोग और दोनों जिला प्रशासन के स्तर से कार्यवाही होनी है। पूर्व मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला का कहना है कि बाराबंकी में एक मतदाता सूची बनाने का प्रयास हुआ था, लेकिन उसके बाद 2021 में पंचायत चुनाव, 2022 में विधानसभा चुनाव और 2023 में फिर निकाय चुनाव आने के कारण एक मतदाता सूची बनाने का काम सफल नहीं हो सका।
पायलट प्रोजेक्ट पूरा होने का इंतजार
राज्य निर्वाचन आयोग के विशेष कार्याधिकारी एसके सिंह का कहना है कि बाराबंकी में एक मतदाता सूची का कार्य मुख्य निर्वाचन अधिकारी के स्तर से होना है। दोनों मतदाता सूची के डाटा का मिलान सहित अन्य प्रक्रिया पूरी करनी है। बाराबंकी और मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा में इसका प्रयास किया जा रहा है। लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हुआ है।