सांकेतिक तस्वीर
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पूर्वोत्तर रेलवे की बरेली से पीलीभीत वाया मैलानी, लखीमपुर होते हुए लखनऊ के रास्ते गोरखपुर की ओर जाने वाली रेल लाइन पर लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन दो से तीन महीने के भीतर शुरू होने की उम्मीद है। इसके साथ ही लखनऊ ले दिल्ली के लिए एक और वैकल्पिक रेल रूट मिल जाएगा। करीब 12 साल से बंद आगरा, मथुरा, कासगंज, बदायूं, बरेली, पीलीभीत, मैलानी, गोला, लखीमपुर होते हुए लखनऊ तक ट्रेनों का संचालन फिर शुरू हो सकेगा।
पीलीभीत से लखनऊ के लिए वाया बीसलपुर, शाहजहांपुर होते हुए रेल रूट है। कई बार वैकल्पिक तौर पर इस रेल रूट का इस्तेमाल किया जाता है। पीलीभीत से मैलानी होते हुए जाने वाले रेल रूट पर शाहगढ़-पीलीभीत के बीच करीब आठ किमी हिस्सा पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में आता है। इस हिस्से में रेल लाइन को ब्राडगेज में परिवर्तित करने का काम फंसा हुआ था। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति के बाद इस रेल खंड में काम शुरू हो गया है। वाया पीलीभीत से लखनऊ, गोरखपुर तक रेल यात्रा के दौरान पीटीआर और दुधवा नेशनल पार्क के प्राकृतिक नजारे भी देख सकेंगे।
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गौर करने की बात यह है कि करीब 125 साल पुरानी यह रेल लाइन मीटरगेज थी। इस लाइन पर आगरा से लखनऊ के लिए मैलानी होते हुए आगरा फोर्ट, गोकुल एक्सप्रेस और मरुधर एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों का संचालन होता था। करीब 12 साल पहले बरेली-कासगंज रेल रूट को मीटरगेज से ब्रॉडगेज में परिवर्तित किया गया। इसके बाद आगरा-लखनऊ के बीच रेल सेवा बंद हो गई।