गौरव सिंह/भोजपुर. खेल के माध्यम से भी अब लोग कामयाब हो सकते हैं. इसका उदाहरण है भोजपुर के चंदन. चंदन वुशु खेल के जरिए सरकारी नौकरी पा चुके हैं. बिहार के आरा में राज मिस्त्री का बेटा बड़ा बाबू बन चुका है. खेल की बदौलत एक सफल खिलाड़ी के साथ सम्मानित नागरिक का जीवन यापन कर रहे हैं. आरा के छोटकी सनदिया गांव के रहने वाले चंदन कुमार अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुके है. फिलहाल बिहार सरकार की नौकरी के साथ ही नेशनल लेवल के वुशु कोच सह जज के रूप में कार्य कर रहे हैं.
शुरुआत के समय में चंदन के पिरवार में एकलौते कमाने वाले सदस्य सिर्फ और सिर्फ उनके पिता उदय नारायण यादव थे. वो भी राज मिस्त्री(मजदूरी) का कार्य करते थे. आर्थिक स्थिति कमजोर होते हुए भी चंदन के पिता ने बेटा को खेलते रहने का हिम्मत दिया और 10 साल की कड़ी मेहनत करते रहने के बाद आखिरकार चंदन कुमार को बिहार सरकार द्वारा नौकरी दे कर सम्मानित किया गया.
बैंकॉक से लेकर देश के कोने-कोने में खेल चुके हैं चंदन
चंदन कुमार शुरू से ही खेल को ले कर मेहनती रहे. जुडो कराटे से ले कर इसमें शामिल अन्य गेम में महारत हासिल कर चुके चंदन पहले मुयथाई गेम खेलते थे. इस गेम में एक बार अंतराष्ट्रीय मैच में भारत के तरफ से खेलने का मौका मिला था. जिसमें वो बैंकॉक गए थे, हालांकि उस गेम में चंदन को कोई सफलता हाथ नहीं लगी. वापस आने के बाद वुशु के तरफ रुझान बढ़ा और इस गेम में चंदन दो बार नेशनल गेम में मेडल हासिल किए. जिसके आधार पर बिहार सरकार के द्वारा लोवर डिवीजन क्लर्क की नौकरी मिली.
फिलहाल बिहार वुशु टीम के कोच सह जज के तौर पर कार्यरत है
बक्सर जिला के खेल कार्यलय में बतौर बड़ा बाबू के पद पर पदस्थापित चंदन बिहार वुशु एसोसिएशन के टीम के सीनियर कोच हैं. साथ ही नेशनल टूर्नामेंट में बतौर जज के रूप में भी बुलाये जाते है. नौकरी प्राप्त होने के बाद चंदन का खेल जारी है. आज के समय मे एक सम्मानित जीवन यापन कर रहे है. लोकल 18 से बात करते हुए चंदन ने युवाओं से अपील किया की पढ़ाई के साथ खेल भी जरूरी है. अब समय बदल चुका है खेल के बदौलत भी आप अपना भविष्य सवार सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : August 31, 2023, 18:13 IST