ऋषभ चौरसिया/लखनऊ. संस्कृत पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है. दरअसल, योगी सरकार अब संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने जा रही है. प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने और बच्चों के संस्कृत शिक्षा में रुझान बढ़ाने के लिए सरकार प्रदेश के हर जिले में आवासीय संस्कृत विद्यालय खोलने की योजना बना रही है. इन नए संस्कृत आवासीय स्कूलों में आधुनिक सुविधाएं होंगी और वह कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर स्थापित किए जाएंगे.
इन विद्यालयों में संस्कृतमय माहौल होगा और ज्यादातर स्मार्ट क्लासरूम होंगे. इन आवासीय संस्कृत विद्यालयों में न केवल 10+2 तक की पढ़ाई होगी, बल्कि उसके बाद की रोजगारपरक शिक्षा भी दी जाएगी. इस योजना के तहत पहले चरण में 35 और दूसरे चरण में 40 संस्कृत विद्यालयों की स्थापना की जाएगी. इस योजना का उद्देश्य है कि एक ही परिसर में पूरी तरह से संस्कृतमय वातावरण में संस्कृत शिक्षा प्रदान की जाए. शिक्षा विभाग ने दो माह पहले एक प्रस्ताव तैयार किया था और विभिन्न एजेंसियों से राय लेने के बाद वित्त विभाग ने भी इसे मंजूरी दी है. अब इसे कैबिनेट को भेजने की प्रक्रिया शुरू होगी.
रोजगार परक दी जाएगी शिक्षा
इस योजना के अंतर्गत, आवासीय संस्कृत विद्यालयों में आधुनिक विषयों का समावेश किया जाएगा और छात्रों को एनसीईआरटी की पुस्तकों से पढ़ाई कराई जाएगी. इन विद्यालयों में संस्कृत के साथ-साथ अन्य आधुनिक विषयों की शिक्षा भी दी जाएगी. यहां पर पढ़ाई के बाद 10+2 तक की शिक्षा के साथ-साथ रोजगारपरक शिक्षा भी प्रदान की जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : September 10, 2023, 15:51 IST