“ये मोदी की गारंटी है”: बाली समिट में अफ्रीकी यूनियन से किया वादा PM ने किया पूरा

नई दिल्ली:

नई दिल्ली में हो रहे G20 समिट (G20 Summit in India) के पहले ही दिन भारत को दो बड़ी उपलब्धि मिली. पहली-दिल्ली घोषणापत्र (Delhi Declaration) को सभी सदस्य देशों से पास करा लिया गया. दूसरी-अफ्रीकी यूनियन को G20 ग्रुप में स्थायी सदस्य के तौर पर शामिल करा लिया गया. भारत की अध्‍यक्षता में राजधानी दिल्‍ली के ‘भारत मंडपम’ में हो रहे G20 समिट के उद्घाटन सत्र ‘वन अर्थ’ के दौरान अफ्रीकी यूनियन को स्‍थायी सदस्‍यता दी गई. इसके साथ ही पीएम मोदी ने पिछले साल इंडोनेशिया के बाली में हुए G20 समिट में किया गया अपना वादा भी पूरा किया. पीएम मोदी (PM Narendra Modi) की इस पहल से अफ्रीकी यूनियन (African Union) के 55 देशों को फायदा होगा. चीन और रूस भी अफ्रीकी यूनियन को शामिल कराने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन सफलता भारत को मिली. इस तरह ‘ग्लोबल साउथ’ का लीडर बनने की होड़ में भारत चीन से आगे निकल गया है.

पीएम मोदी ने अफ्रीकी यूनियन की स्थायी सदस्यता का ऐलान करते हुए एक श्लोक पढ़ा- ‘हेवं लोकश: हित मुखेति, अथ: इयं नातेशु हेवं’. यानी मानवता का हित, उसका कल्याण और सुख सदैव सुनिश्चित किया जाएगा. इसी श्लोक के आधार पर अफ्रीकी यूनियन को स्थायी सदस्यता दी गई.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफ्रीकी यूनियन के अध्‍यक्ष अजाली असौमनी (African Union President Ajali Assoumani) को गले लगाकर उनका G20 ग्रुप में स्‍वागत किया. PM मोदी ने कहा, ‘मैं इस सत्र में आगे की चर्चा शुरू करने से पहले नए स्‍थायी सदस्‍य के रूप में अफ्रीकी यूनियन के अध्‍यक्ष को अपना स्‍थान ग्रहण करने का आग्रह करता हूं.’

बाली समिट में पीएम ने क्या किया था वादा?

अफ्रीकी संघ के G20 का सदस्य बनने पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बताया कि कैसे पीएम मोदी ने अफ्रीकी यूनियन से किया गया अपना वादा पूरा किया. उन्होंने बताया, “पिछले साल बाली समिट के दौरान तत्कालीन अफ्रीकी यूनियन के अध्यक्ष और सेनेगल के राष्ट्रपति मैकी सॉल इंडोनेशिया के राष्ट्रपति और पीएम मोदी के पास आए थे. उन्होंने G20 की सदस्यता को लेकर अपनी बात रखी थी. उस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष को आश्वासन दिया था कि भारतीय G20 की अध्यक्षता में यह निश्चित रूप से किया जाएगा.”

यही मोदी की गारंटी

एस. जयशंकर ने अफ्रीकी यूनियन के G20 का स्थायी सदस्य बनने की घोषणा पर कहा, “यही मोदी की गारंटी है. आपने देखा है कि उन्होंने वह किया है, जो उन्होंने आश्वासन दिया था. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान, तत्कालीन राष्ट्रपति पीएम के पास आए और उन्होंने उन्हें याद दिलाया कि आपने हमें आश्वासन दिया था और आपने वास्तव में इसे किया है.”

अफ्रीकी यूनियन को ऐसे मिली सदस्यता?

G20 में अफ्रीकी संघ को शामिल करने का विचार इस साल जून में पहली बार सामने आया था. तब G20 के अध्यक्ष के नाते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदस्य देशों के नेताओं को चिट्ठी लिखकर ये प्रस्ताव दिया था. यह विचार इस साल जनवरी में ‘वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ’ शिखर सम्मेलन के बाद ही शुरू हो गया था. इसमें अफ्रीकी महाद्वीप के 55 देशों में से ज्यादातर ने भाग लिया था. बाद में इस चर्चा को इथियोपिया के अदीस अबाबा में आगे बढ़ाया गया, जहां अफ्रीकी संघ का मुख्यालय है. अब तक G20 में पूरे अफ्रीकी महाद्वीप से केवल एक ही सदस्य देश था- दक्षिण अफ्रीका. अब पीएम मोदी के पहल और कोशिशों के बाद G20 अब G21 बन गया है.

अफ्रीकी यूनियन के बारे में?

अफ्रीकी यूनियन 55 देशों का संगठन है, जिसे जुलाई 2002 में दुनिया के सामने लॉन्‍च किया गया. उससे पहले इन देशों का एक ‘ऑर्गेनाइजेशन ऑफ अफ्रीकन यूनिटी’ अस्तित्‍व में था. जिसके गठन की घोषणा 1963 में 32 अफ्रीकी देशों के प्रमुखों ने इथोपिया के अदिस अबाबा में की थी. इस संगठन का अस्तित्व 1999 तक रहा. फिर 2002 में अफ्रीकी यूनियन अस्तित्‍व में आया. इसकी स्थापना 26 मई 2001 को अदीस अबाबा, इथियोपिया में हुई थी और 9 जुलाई 2002 को दक्षिण अफ्रीका में इस संघ को लॉन्च किया गया.

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