मोहन ढाकले/बुरहानपुर. जिले के आयुर्वेदिक और यूनानी के 250 से अधिक डॉक्टरों ने 25 साल में 15 बार सरकार से एलोपैथिक दवाइयां लिखने की गुहार लगा चुके है. लेकिन आज तक भी कोई अनुमति नहीं मिल पाई. आयुर्वेदिक और यूनानी डॉक्टरो ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर भव्या मित्तल को ज्ञापन सौंप कर अनुमति दी जाने की मांग की है.
दरअसल पिछले 15 साल से आयुर्वेदिक और यूनानी डॉक्टर एलोपैथिक दवाइयां लिखने की अनुमति की मांग कर रहे है. 25 साल में 15 बार शासन को ज्ञापन दिया गया लेकिन आज तक भी इनको अनुमति नहीं मिल पाई है.
कम राशि में मरीजों का होगा उपचार
डॉ गिरीश के श्रॉफ ने बताया की आयुर्वेदिक और यूनानी डॉक्टरो को एलोपैथिक दवाइयां लिखने की यदि अनुमति मिलती है तो मरीज का काम राशि में उपचार होगा और जो इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा. यदि वह इन डॉक्टरों के पास पहुंचते हैं तो उनका प्राथमिक उपचार होगा जिससे उनको भी उपचार करने में आसानी आएगी.
8 राज्यों में डॉक्टरों को मिली एलोपैथिक दवाई लिखने की अनुमति
प्राइवेट आयुर्वैदिक और यूनानी चिकित्सा का संचालन करने वाले संगठन के विनोद दुम्बानी ने जानकारी देते हुए बताया कि अन्य आठ राज्यों में गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से 2014 से अनुमतिया मिलना शुरू हो गई है. उसमें छत्तीसगढ़, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश,पंजाब और महाराष्ट्र शामिल है.
आयुर्वेदिक और यूनानी के 250 से अधिक डॉक्टर
जिले में आयुर्वेदिक और यूनानी पद्धति से इलाज करने वाले 250 से अधिक डॉक्टर है. यह डॉक्टर पिछले 15 वर्षों से एलोपैथिक दवाइयां लिखने की अनुमति की मांग कर रहे हैं लेकिन आज तक भी इनको अनुमति नहीं मिल पाई है. जबकि डॉक्टरो का कहना है कि हमने आयुर्वेदिक और यूनानी की पढ़ाई करते समय एलोपैथिक की पढ़ाई भी की है. अन्य आठ राज्यों में सरकार की ओर से एलोपैथिक दवाइयां लिखने की अनुमति दी गई है लेकिन केवल मध्य प्रदेश में ही हमें अनुमति नहीं मिल रही है.
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FIRST PUBLISHED : September 05, 2023, 14:42 IST