यूरोपीय संघ के नए राजदूत डेल्फ़िन बोले, भारत संग संबंध में बनाए रखना चाहते हैं सकारात्मक गति

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अपने कार्यकाल के दौरान भारत में अपने एजेंडे पर उन्होंने कहा कि ईयू राजदूत के रूप में यहां अपने कार्यकाल के दौरान मुझे तीन मुख्य कारण नजर आते हैं। पहला यह कि ईयू-भारत संबंध पिछले साल के दौरान प्रगति की राह पर है। मैं देखता हूं हमारे संबंधों में इस सकारात्मक गति को बनाए रखने और बनाए रखने में मेरी भूमिका यहां है।

भारत में यूरोपीय संघ के नए राजदूत हर्वे डेल्फ़िन ने अपने मिशन, भारत से अपेक्षाओं, एफटीए और कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी। अपने कार्यकाल के दौरान भारत में अपने एजेंडे पर उन्होंने कहा कि ईयू राजदूत के रूप में यहां अपने कार्यकाल के दौरान मुझे तीन मुख्य कारण नजर आते हैं। पहला यह कि ईयू-भारत संबंध पिछले साल के दौरान प्रगति की राह पर है। मैं देखता हूं हमारे संबंधों में इस सकारात्मक गति को बनाए रखने और बनाए रखने में मेरी भूमिका यहां है। यदि आप आंकड़ों और संदर्भ को देखें, तो यह फल-फूल रहा है, लेकिन अभी भी एक बड़ी संभावना है जिसका दोहन करने की आवश्यकता है। चाहे वह व्यापार में हो, लोगों के आंदोलन में हो, हरित प्रौद्योगिकी में हो अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में पांच देशों के राजदूतों के परिचय पत्र स्वीकार किये। राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक परिचय पत्र सौंपने वालों में साइप्रस गणराज्य के उच्चायुक्त इवागोरस व्रियोनाइड्स, बुल्गारिया गणराज्य के राजदूत निकोले ह्रिस्तोव यांकोव, यूरोपीय संघ के राजदूत हर्वे डेल्फिन, फ्रांस के राजदूत थिएरी माथौ और मोल्दोवा गणराज्य की राजदूत एना ताबन शामिल रहीं।

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