बीते 3 या 4 सितंबर को बिहार में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिण की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष फूलपुर, मिर्जापुर और अंबेडकरनगर में से किसी एक सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, यूपी के पदाधिकारियों को अब भी नीतीश के जवाब का इंतजार है।
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कहा जाता है कि दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है । इसलिए नीतीश कुमार की पार्टी ने यूपी में अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है। इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि अगर यूपी में जदयू और अन्य विपक्षी पार्टियों का गठबंधन हुआ तो ठीक, नहीं तो अकेले चुनाव लड़ने को तैयार है।
बताया जा रहा है कि 2024 लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू अकेले 15 से 20 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है ।जदयू यूपी में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने नहीं जा रही है। इससे पहले 2019 लोकसभा चुनाव में जदयू ने 3 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और तीनों सीटों पर जमानत जब्त हो गई थी। वें सीट हैं- सोनभद्र , पीलीभीत और कानपुर।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों द्वारा फीस बढ़ने को लेकर विरोध प्रदर्शन में जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्येंद्र पटेल ने हिस्सा लिया । इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि प्रदेश में जदयू ने अपना राजनीतिक पैर पसारना शुरू कर दिया है। वहीं पार्टी का कहना है कि जल्द ही लखनऊ में पार्टी के बड़े नेता आएंगे और वहां पर बैठ कर संगठन को मजबूत बनाने की रणनीति तैयार की जाएगी।
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यूपी में अखिलेश यादव ही गठबंधन को लीड करेंगे: नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी का साथ छोड़ने के बाद आरजेडी से गठबंधन करके सरकार दोबारा बनाई थी तब से नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी में लग गए हैं। नीतीश कुमार दिल्ली जा करके अखिलेश यादव से मेदांता अस्पताल में बंद कमरे में मिले थे और लगभग 1 घंटे तक बात हुई थी । इसके बाद नीतीश कमरे से बाहर आ करके मीडिया में बयान देते हुए कहा कि यूपी में अखिलेश यादव ही गठबंधन को लीड करेंगे।