जितेन्द्र कुमार झा/लखीसराय: पान भारतीय परंपरा का अभिन्न हिस्सा है. देश के हर हिस्से में आपको पान खाने के लिए आसानी से मिल जाएगा. अब तक पान के कई वैरायटी भी लोगों को लुभाने के लिए उपलब्ध है. पान खाने का आम से लेकर खास तक शौकीन होते हैं. फिल्मों में भी पान की चर्चा के साथ इस पर गई गीत भी आ चुका है. हालांकि बाजार में अलग-अलग फ्लेवर में उलब्ध पान अब युवाओं को भी आकर्षित करने लगा है. आज हम उन्हीं में से एक ऐसी दुकान के बारे में आपको बता रहे हैं, जहां ही तबके लोग पान का स्वाद लेने आते हैं. लखीसराय के लोग भी पान खाना बेहद पसंद करते हैं. शहर के छोटी दुर्गा मंदिर के पास प्रभात कुमार की दुकान है. यह दुकान पिछले 50 वर्षो से लखीसराय के लोगों के मुंह में गिलौरी भरने का काम कर रहा है. पान के शौकीनों का यहां दिनभर जमावड़ा लगा रहता है.
प्रभात कुमार ने बताया कि लखीसराय शहर के छोटी दुर्गा मंदिर के पास पिछले 50 वर्षो से यह पान दुकान संचालित हो रहा है. तीसरी पीढ़ी लोगों को पान खिलाकर खिदमत कर रहे हैं. पहले दादाजी दुकान चलाते थे. उसके बाद पिताजी ने चलाया अब खुद पिछले 25 वर्षो से लोगों की खिदमत कर रहे हैं. शहर के सबसे पुराना पान दुकान होने की वजह से प्रबुद्ध लोग भी पान खाने के लिए आते हैं. वैसे तो जिला के सभी चौक-चौराहे पर पान मिलता है, लेकिन लोगों का कहना है कि प्रभात कुमार के दुकान की पान का खासियत ही कुछ और हीं है. इस दुकान में रोजाना 500 पान की बिक्री हो जाती है. इसके अलावा लोग ऑडर देकर भी मंगवाते हैं.
सालाना सात लाख से अधिक की है कमाई
प्रभात कुमार ने बताया कि यहां मुख्यतः दो से तीन प्रकार के पान ज्यादा प्रचलित है. जिसमें मीठा पत्ता वाला पान अपने विशिष्ट स्वाद के लिए जाना जाता है. इसको बंगाल से मंगाना पड़ता है और थोड़ा मंहगा भी होता है. वहीं मगही पान की सबसे ज्यादा डिमांड है. जो बिहार के मगध क्षेत्र का एक पारंपरिक माउथ फ्रेशनर है. यह पान भी अपने विशिष्ट स्वाद के लिए जाना जाता है. वहीं 10 रूपए प्रति पीस के हिसाब से लोगों को पान खिलाते हैं. जबकि इस छोटे से पान दुकान से सालाना 7 लाख से अधिक की कमाई हो जाती है.
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FIRST PUBLISHED : September 02, 2023, 16:11 IST