यहां भगवान विष्णु ने लिया था वामन अवतार, तीन पग में नाप लिया था पूरा ब्रह्माण

शिवहरि दीक्षित/हरदोई. यूपी के हरदोई में भगवान विष्णु ने दो बार अवतार लिया था. एक बार हिरण्यकश्यप का वध करने के लिए नरसिंह भगवान रूप में तथा दूसरी बार भगवान वामन का रूप धारण कर. पौराणिक कथाओं में जिक्र है कि एक बार भक्त प्रहलाद की हिरण्यकश्यप से रक्षा के लिए भगवान विष्णु नरसिंह के रूप में अवतरित हुए, तो वामन अवतार में उन्होंने राजा बलि से दान में मिली तीन पग जमीन में पूरी पृथ्वी को नाप लिया था.

धर्म ग्रंथों के जानकार शैलेश पांडे बताते हैं कि हरदोई एक ऐसी नगरी रही है जहां पर भगवान विष्णु ने दो बार अवतार लिया है. एक तो हिरण्यकश्यप का वध करने और भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए. दूसरा राजा बलि के देवलोक को जीतने के सपने को चकनाचूर करने के लिए. वह बताते हैं कि ग्रंथों में वर्णित है कि राजा बलि जो कि भक्त प्रह्लाद का वंशज था. ऐसा कहा जाता है कि राजा बलि चक्रवर्ती राजा थे और वह देवलोक पर कब्जा कर इंद्र की पदवी हासिल करना चाहता थे.

इसके लिए उसने दैत्य गुरु शुक्राचार्य से एक हवन को कराने लगा और इस हवन के संपन्न होने के बाद वह सफल भी हो जाता, और इस यज्ञ को राजा बलि के द्वारा हरदोई के कस्बे बावन में कराया जा रहा था. भगवान विष्णु के वामन अवतार हरदोई के कस्बा बावन में हुआ था और यही वजह है कि इस कस्बे का नाम वामन भगवान के नाम पर वामन पड़ा.

देवलोक कब्जाने के लिए किया गया था हवन

दैत्य राज राजा बलि के द्वारा देवलोक को जीत और इंद्र की पदवी हासिल करने के लिए दैत्य गुरु शुक्राचार्य के द्वारा एक हवन का आयोजन कराया गया. जिससे वह देवलोक को जीत कर इंद्र की पदवी हासिल कर सके. इस बात से देवताओं में हाहाकार मच गया और भगवान विष्णु के पास इस हवन को रोकने की गुहार लगाने लगे, देवताओं की गुहार पर भगवान विष्णु ने धरती पर मनुष्य रूप में वामन अवतार लिया और जिस जगह पर हवन हो रहा था उसे रोकने के लिए पहुंच गए.

तीन पग में नाप लिया था संसार

हरदोई के कस्बा वामन में भगवान विष्णु के द्वारा वामन अवतार लेकर राजा बलि के सपनो को चूर किया गया था. ऐसा कहा जाता है कि राजा बलि से कोई कुछ भी मांगता था तो उसे निराश नहीं करता था. इस बात का फायदा उठा कर भगवान विष्णु बामन अवतार लेकर राजा बलि के पास पहुंचे और उनसे साढ़े तीन पग जगह मांगी और कहा कि इतनी जगह लेकर वह रहना चाहते हैं.

जिस पर राजा बलि मान गया और जैसे ही वचन दिया वैसे ही भगवान विष्णु ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया और एक पग में आकाश यानी देवलोक दूसरे में धरातल और तीसरे में रसातल अब बचा आधा पग तो राजा बलि ने अपने आपको को न्योछावर कर दिया. जिसके बाद राजा बलि ने वामन भगवान से कहा कि अब मुझे भी कुछ चाहिए जैसे कि रहने की जगह और भगवान वामन से यह भी कहा कि जहां मैं रहूं आप भी हर वक्त मेरे साथ ही रहेंगे.

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