रुपांशु चौधरी/हजारीबाग. कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है. लेकिन कम मुनाफे के कारण आज कई किसान पारंपरिक खेती छोड़कर नई विधि से खेती करना पसंद करते हैं. इसी में मोती की खेती एक ऐसी नवीन खेती है जिसके माध्यम से किसान आसानी से अच्छी कमाई कर सकते हैं. लेकिन सही जानकारी के अभाव में किसान इस खेती से जुड़ नही पाते हैं. अगर आप हजारीबाग से हैं और मोती की खेती करना चाहते हैं तो जन सहयोग चैरिटेबल ट्रस्ट आपके लिए उपयुक्त विकल्प बन सकता है. यहां आपको मोती की खेती के बीज से लेकर उसकी ट्रेनिंग भी उपलब्ध करवाई जाएगी.
जन सहयोग चैरिटेबल ट्रस्ट के सदस्य पिंटू राणा बताते हैं कि ये ट्रस्ट लगभग एक दशक से झारखंड में सीप पालन पर काम कर रहा है. आज पूरे झारखंड में 100 से अधिक किसान ट्रस्ट से जुड़कर सीप की खेती कर रहे हैं. इसमें हमारी ट्रस्ट की ओर से किसान को ट्रेनिंग, सीप और दवा के साथ उन्हें समय समय पर मोती की खेती की नवीनतम जानकारी भी दी जाती है.
इतना आएगा खर्च
जन सहयोग चैरिटेबल ट्रस्ट के सदस्य नीतीश कुमार बताते हैं कि मोती की खेती के लिए हमलोग एक बार में 1000 सीप देते है. एक सीप की कीमत 60 रुपए है. इसे रखने के लिए किसान को घर में एक वॉल हाउदा बनाना होगा जिसमें 20 से लेकर 30 हजार का खर्च आता है. कुल मिलाकर 1 लाख के अंदर मोती की खेती की जा सकती है.
इतनी होगी कमाई
नीतीश कुमार बताते हैं कि किसान एक सीप को 14 महीने पालने के बाद संस्थान को 300 रुपए प्रति सीप वापस कर सकता है या फिर उसमें मोती की खेती कर एक सीप से लगभग 400 रुपए की कमाई कर सकता है. लेकिन इसमें ऑपरेशन में कई सीप मर भी सकते हैं.
ऐसे करें संपर्क
जन सहयोग चैरिटेबल ट्रस्ट से संपर्क करने के लिए आपको हजारीबाग समाहरणालय के पास आना होगा. यहां आने के लिए आप चाहें तो इस लिंक पर क्लिक कर गूगल मैप का सहारा ले सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 08, 2023, 21:57 IST