मेरठ : गुब्बारे बेचने वाले को गाड़ी से कुचलने वाले को भीड़ ने पकड़ा, पुलिस ने छोड़ दिया

मेरठ : गुब्बारे बेचने वाले को गाड़ी से कुचलने वाले को भीड़ ने पकड़ा, पुलिस ने छोड़ दिया

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली :

मेरठ में गुब्बारे बेचने वाले भानु को शराब के नशे में मदहोश एक रईस ने अपनी गाड़ी से कुचलकर मार डाला. भीड़ ने आरोपी को पुलिस के सुपुर्द किया लेकिन पुलिस ने उसे बिना कार्रवाई के छोड़ दिया और मृतक के परिजनों से अज्ञात के खिलाफ तहरीर लेकर केस दर्ज कर लिया. 24 घंटे बाद वारदात का वीडियो सामने आने पर पुलिस के आला अफसर को इस घटना की खबर हुई.

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वीडियो 45 सेकंड का है जिसमें फाइटर प्लेन की तरह दहाड़ती बेकाबू दौड़ती स्कॉर्पियो एक राहगीर को कुचलने के बाद कई पलटी खाती हुई सीधी खड़ी हो जाती है. गाड़ी की विंडो से कई लोग उतरते हैं और गुम हो जाते हैं. इस गाड़ी में अनुभव गोयल नाम का मेरठ का कारोबारी रह जाता है. उसे भीड़ ने पकड़कर पुलिस के सुपुर्द किया था. मगर पुलिस ने उसे बिना कार्रवाई के छोड़ दिया. उन्नाव का भानु मेरठ में गुब्बारे बेचकर अपना पेट पालता था जिसे अनुभव गोयल ने अपनी गाड़ी से कुचलकर मार डाला. पुलिस ने भानु के बहनोई से अज्ञात के खिलाफ तहरीर ली और केस दर्ज कर लिया.

वारदात का वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले को लेकर जमकर हल्ला हुआ और आरोपी की तलाश की गई. आला पुलिस अधिकारियों ने एसएसपी और थानेदार से जवाब तलब किया तो आनन फानन में केस की धारा में तब्दीली करके इसे गैर इरादतान हत्या में बदल दिया गया. पता चला कि जिस आरोपी को पुलिस ने सेटिंग के बाद छोड़ दिया वह मुजफ्फरनगर के एक फाइव स्टार टाइप अस्पताल में भर्ती है. अब पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर अस्पताल में पुलिस के जवान तैनात कर दिए हैं.

इस मामले में कुछ सवाल 

1. कार से बरामद हुए आरोपी को बिना कार्रवाई के आखिर कैसे छोड़ दिया?

2. पुलिस के पास जब आरोपी था तो परिजनों को गुमराह करके अज्ञात के खिलाफ तहरीर क्यों ली गई?

3. पुलिस ने आरोपी को गायब करके मुजफ्फरनगर क्यों भेज दिया जबकि मेरठ में ही इलाज के लिए हायर मेडिकल सेंटर मेडिकल कॉलेज मौजूद है.

4. गाड़ी से बरामद हुई अंग्रेजी शराब की 14 बोतलें आखिर 24 घंटे तक क्यों छुपी रहीं?

5. 24 घंटे तक आरोपी अनुभव गोयल और उसके चार साथियों को कागजी कार्रवाई से क्यों दूर रखा गया?

6. अनुभव गोयल के मेडिकल टेस्ट में अल्कोहल की पुष्टि हुई थी. इसके बावजूद उसे केस में आरोपी क्यों नहीं बनाया गया?

मेरठ के पुलिस कप्तान रोहित सिंह सजवान अपने मातहत को बचाने के लिए दलीलें दे रहे हैं. सैकड़ों किलोमीटर दूर से मेरठ आकर गुब्बारे बेचने वाले गरीब भानु की जिंदगी की कीमत पुलिस ने बहुत हल्की जानी और इसके हिस्से का इंसाफ रईस कारोबारी के हाथ बेच डाला. यूपी में इंसाफ की दुहाई देने वाली सरकार के राज में गरीबों की बस इतनी ही कीमत है. अगर ऐसा नहीं तो भानु की रूह मेरठ पुलिस से इंसाफ मांग रही है.

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