माफिया अतीक अहमद के कुत्तों को मिला नया आशियाना, मिली नई पहचान

हाइलाइट्स

अतीक अहमद के कुत्तों को नगर निगम प्रयागराज ने पहचान दी है
नगर निगम ने अतीक अहमद के कुत्तों को बिल्लाधारी बना दिया है

प्रयागराज. माफिया अतीक अहमद की हत्या हो चुकी है. लेकिन हत्या के करीब 5 महीने बाद माफिया अतीक अहमद के कुत्तों को नगर निगम प्रयागराज ने पहचान दी है. नगर निगम ने अतीक अहमद के कुत्तों को बिल्लाधारी बना दिया है. नगर निगम ने अतीक अहमद के जर्मन नस्ल ग्रेट डेन के तीन कुत्तों को बिल्ला नंबर 452, 453 और 460 अलाट किया गया है. कुत्तों को गोद लेने वाले असरावल कला के तौकीर अली ने दो कुत्तों का रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि दरियाबाद के मो. अमन अंसारी ने एक कुत्ते की जिम्मेदारी ली है. इन्होंने नगर निगम में रजिस्ट्रेशन शुल्क तीन हजार रुपये जमा करा दिया है. इससे पहले इन कुत्तों का नगर निगम में रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ था.

गौरतलब है कि 24 फरवरी को उमेश पाल व उनके दो गनर की हत्या के बाद माफिया अतीक का परिवार फरार हो गया था. जिसके बाद माफिया के पाले गए कुत्तों का हाल बेहाल हो गया था. माफिया के कुत्ते दाने- दाने को तरसने लगे थे. इस दौरान 2 कुत्तों ब्रूनो और ब्राउनी टाइगर की मौत भी हुई थी. सबसे पहले बीमारी और भूख से 9 मार्च को अतीक अहमद की सबसे प्रिय फीमेल डॉग ब्रूनो की मौत हो गई थी. जबकि उसके 2 दिन बाद ही दूसरे डॉग ब्राउनी टाइगर ने भी भूख और बीमारी से दम तोड़ दिया था. जिसके बाद बचे तीन कुत्ते डैनी, सैडो और कल्लू की कुछ दिनों तक नगर निगम ने देख-रेख की. इसके बाद कैनल क्लब ने कुत्तों को पालने का जिम्मा लिया था. एक माह के भीतर कैनल क्लब ने भी हाथ खड़ा कर दिया. इसके बाद तीनों कुत्तों को पालने के लिए नगर निगम ने दो अलग अलग व्यक्तियों को दे दिया था. फीमेल डाग सैडो को पालने के लिए दरियाबाद के मो.अमन आगे आए थे. अब इसका बिल्ला नंबर 460 है. अन्य दो कुत्तों को असरावल कला गांव के रहने वाले तौकीर अली ने पालने के लिए लिया है. इनमें से डैनी को 452 व कल्लू को 453 नंबर का बिल्ला अलाट किया गया है. नगर निगम के पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डा. विजय अमृत राज ने अतीक के कुत्तों का रजिस्ट्रेशन होने की जानकारी दी है.

गौरतलब है कि माफिया अतीक अहमद को जहां लक्जरी विदेशी गाड़ियों और विदेशी हथियारों का शौक था, तो वहीं अतीक अहमद ने अपने घर में विदेशी जर्मन ग्रेट डेन नस्ल के 5 कुत्ते भी पाल रखे थे. उमेश पाल शूटआउट के बाद जब अतीक अहमद के परिवार के लोग फरार हुए तब सबसे पहले बीमारी और भूख से 9 मार्च को अतीक अहमद की सबसे प्रिय फीमेल डॉग ब्रूनो की मौत हो गई, जबकि उसके 2 दिन बाद ही दूसरे डॉग टाइगर ने भी भूख और बीमारी से दम तोड़ दिया था. बताते हैं कि अतीक अहमद जब कहीं बाहर से घर लौटते थे तो अपने इन पालतू कुत्तों के साथ समय बिताते थे. एक दौर यह भी था कि जब सपा के संरक्षक रहे पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव अतीक अहमद के आवास पर आए थे तो उन्होंने भी अतीक अहमद के विदेशी नस्ल कुत्ते से हाथ मिलाया था. लेकिन आज माफिया की मौत के बाद परिवार के सदस्य या तो जेल में हैं या फरार हैं, जिससे इन कुत्तों को पालने के जिम्मेदारी दूसरे लोगों को उठानी पड़ रही है.

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