मराठा आरक्षण हिंसा: शिंदे ने एडीजीपी को जालना में पुलिस लाठीचार्ज की जांच का आदेश दिया, एसपी छुट्टी पर भेजे गए

Eknath Shinde

Creative Common

शिंदे ने ठाकरे का नाम लिए बिना कहा कि नवंबर 2019 से जून 2022 तक कौन मुख्यमंत्री था। उन्होंने कहा कि जिसने मराठा मोर्चा का मखौल उड़ाया, अब हमसे (शिवसेना-भाजपा सरकार) से सवाल कर रहा है। शिंदे ने कहा कि मराठा आरक्षण के लिए अंतरवाली सराटी गांव में भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांदे-पाटिल के साथ बातचीत की गई और उनसे अनशन वापस लेने की अपील की गई है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को घोषणा की कि जालना के पुलिस अधीक्षक तुषार दोशी को अनिवार्य अवकाश पर भेजा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह घोषणा मराठा आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस लाठीचार्ज की घटना के दो दिन बाद की। लाठीचार्ज के बाद वहां हिंसा भड़क गई थी।
शिंदे ने कहा कि अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था (एडीजीपी) संजय सक्सेना लाठी चार्ज की घटना की जांच करेंगे और अगर जरूरत पड़ी तो पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच कराई जाएगी।
राज्य की राजधानी मुंबई से करीब 450 किलोमीटर दूर बुलढाणा जिले में एक राजकीय समारोह में हिस्सा लेने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने घोषणा की कि दो उपाधीक्षक रैंक के अधिकारियों का भी जालना से बाहर स्थानांतरण किया जा रहा है।

शुक्रवार को धुले-सोलापुर मार्ग पर अंतरवाली सराटी में पुलिस ने आरक्षण आंदोलन के तहत भूख हड़ताल पर बैठे एक व्यक्ति को कथित रूप से अस्पताल ले जाने से रोके जाने पर हिंसक भीड़ पर पर लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले दागे थे।
हिंसा में 40 पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए थे और 15 से अधिक सरकारी बसें फूंक दी गई थीं। हिंसा के सिलसिले में करीब 360 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
शिंदे ने कहा, ‘‘एडीजीपी (कानून व्यवस्था) संजय सक्सेना लाठीचार्ज की घटना की जांच करेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो न्यायिक जांच भी कराई जाएगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।’’
शिंदे ने पूर्व मुख्यमंत्रियों अशोक चव्हाण (कांग्रेस) और उद्धव ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) को भी आड़े हाथ लिया।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘चव्हाण मराठा आरक्षण पर बनी उप-समिति के ढाई साल तक अध्यक्ष थे, उस दौरान उन्होंने वास्तव में क्या किया?’’

शिंदे ने ठाकरे का नाम लिए बिना कहा कि नवंबर 2019 से जून 2022 तक कौन मुख्यमंत्री था। उन्होंने कहा कि जिसने मराठा मोर्चा का मखौल उड़ाया, अब हमसे (शिवसेना-भाजपा सरकार) से सवाल कर रहा है।
शिंदे ने कहा कि मराठा आरक्षण के लिए अंतरवाली सराटी गांव में भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जरांदे-पाटिल के साथ बातचीत की गई और उनसे अनशन वापस लेने की अपील की गई है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



अन्य न्यूज़



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *