मनोकामना पूरी होने पर भक्त ने भगवान को चढ़ाया चांदी का मुकुट और कुंडल, जानें पूरी कहानी

दीपक पांडेय/खरगोन. दुनिया में ईश्वर के प्रति लोगों की सच्ची आस्था और भक्ति को देख कर भगवान भी समय-समय पर अपने होने का एहसास कराते रहते हैं. आज हम आपको ऐसी ही एक चमत्कारिक घटना के बारे में बताते हैं. यह मध्य प्रदेश के खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 58 किलोमीटर दूर देवी अहिल्याबाई होल्कर की राजधानी रही महेश्वर में स्थित प्राचीन श्री वृद्ध कालेश्वर मंदिर से जुड़ी है. भगवान के एक अनन्य भक्त ने मुराद पूरी होने पर भगवान को डेढ़ किलो चांदी से बने मुकुट और कुंडल चढ़ाया. भक्त का मानना है कि भगवान स्वयं साक्षात हैं और उनसे जो भी मनोकामना मांगी जाती है, वो पूरी होती है.

जिले के महेश्वर तहसील में मेहतवाड़ा के नजदीक बेड़ियाव गांव के रहने वाले ओम प्रकाश पटेल बताते हैं कि दो वर्षों से वो मंदिर से जुड़े हैं. भगवान के प्रति उनकी अटूट आस्था है. मंदिर में प्रतिदिन भगवान का श्रंगार करने भी वो आते हैं. कुछ महीने पहले उनके पिता गणेश पटेल केदारनाथ दर्शन करने गए थे, वहीं पर उनकी तबियत ज्यादा खराब हो गई थी. पिता के स्वस्थ होने की मन्नत भगवान वृद्ध कालेश्वर से ली, जिसके बाद वो स्वस्थ हो गए. मन्नत उतारने के लिए उन्होंने डेढ़ किलो चांदी से भगवान के लिए मुकुट और कुंडल बनवाए और भगवान को अर्पित किए.

शिव के साथ है विष्णु भगवान

मंदिर के पुजारी ओम प्रकाश शर्मा बताते हैं कि महेश्वर में नर्मदा रिसोर्ट के पास बना वृद्ध कालेश्वर का यह मंदिर अति प्राचीन है. देवी अहिल्या बाई होलकर के द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया है. मंदिर में 22 खंभे हैं. गर्भगृह में भगवान वृद्ध कालेश्वर महादेव, भगवान विष्णु, पुत्र श्रीगणेश एवं माता पार्वती के साथ विराजमान हैं.

पुजारी ओम प्रकाश शर्मा का कहना है कि देवी अहिल्या बाई होलकर और उनका परिवार हर सोमवार मंदिर में भगवान के दर्शन करने आते थे. शिव पुराण में महिष्मति नगरी में भगवान वृद्ध कालेश्वर का उल्लेख मिलता है. वर्तमान में इस मंदिर की देखरेख भुरू बाबा करते है. प्रतिदिन भगवान का श्रंगार होता है, सोमवार को विशेष श्रंगार की जाता है. मंदिर में कई तरह के अनुष्ठान होते हैं.

साक्षात है भगवान वृद्ध कालेश्वर

सेंधवा की रहने वाली किरण तायल बताती हैं कि वो अपने बच्चों के निमित्त पंडितों के द्वारा महाअभिषेक करवाने मंदिर आई हैं. विगत डेढ़ माह से पूजा करवा रही थीं. आज पूर्णाहुति है. उनका मानना है कि भगवान साक्षात हैं. उनसे जो भी मांगो सब मिल जाता है. सारे दु:ख दर्द दूर हो जाते हैं. वो बताती हैं कि उन्होंने भी अपनी पोती के लिए भगवान से मन्नत मांगी थी. उनकी मुराद भी पूरी हुई है.

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